बीकानेर (अभय इंडिया न्यूज)। काग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने राजस्थान का रण जीतने के लिए प्रदेश में अपने ‘नवरत्नों’ को उतार दिया है। इसमें राष्ट्रीय संगठन महासचिव अशोक गहलोत व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट सहित नौ दिग्गज नेताओं को महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां दी गई है। नौ ‘नवरत्नों’ में जातीय समीकरणों का भी बखूबी ध्यान रखा गया है, लेकिन इसमें कई दिग्गज नेताओं को जगह नही मिल सकी है। जिसमें खासतौर पर पूर्व मंत्री, पूर्व प्रदेशाध्यक्ष सहित कई अन्य महत्वपूर्ण पदों की जिम्मेदारियां संभाल चुके डॉ. बी. डी. कल्ला और नेता प्रतिपक्ष रामेश्वर डूडी को शामिल नहीं किया गया है। इससे इनके समर्थकों में खलबली सी मची हुई है।
अशोक गहलोत : पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव गहलोत को चुनाव समन्वय समिति का अध्यक्ष बनाया गया है। इन पर पार्टी के बड़े नेताओं के बीच विवाद की स्थिति में आपसी सामंजस्य बैठाने की जिम्मेदारी रहेगी।
सचिन पायलट : राज्य चुनाव समिति के अध्यक्ष के नाते संभावित प्रत्याशियों का पैनल बनाकर केन्द्रीय चुनाव छानबीन समिति को भेजेंगे।
रघु शर्मा : चुनाव अभियान समिति के बतौर अध्यक्ष के रूप में चुनावी सभाओं की व्यवस्था का जिम्मा संभालेंगे।
सी. पी. जोशी : पब्लिसिटी एवं प्रकाशन समिति के अध्यक्ष के रूप में प्रचार सामग्री, विज्ञापन आदि के जरिये पार्टी का संदेश आमजन तक पहुंचाएंगे।
गोविंद सिंह डोटासरा : मीडिया एवं सपर्क समिति का काम संभालेंगे। इसके तहत प्रिंट, इलेक्ट्रोनिक मीडिया के लिए प्रेस नोट जारी करने, बड़े नेताओं की ्रप्रेस वार्ताएं कराने आदि की जिम्मेदारी।
परसादी लाल मीणा : परिवहन एवं आवास समिति के अध्यक्ष के तौर पर चुनाव में बड़े नेताओं के दौरों के दौरान वाहन व आवास व्यवस्था संभालेंगे।
हरीश चौधरी : घोषणा पत्र समिति के अध्यक्ष के तौर पर पार्टी का घोषणा पत्र तैयार करेंगे।
रेहाना रियाज : प्रदेश महिला कांग्रेस अध्यक्ष पद के साथ-साथ चुनाव में प्रोटोकॉल समिति की अध्यक्ष के नाते बड़े नेताओं की अगवानी करने की जिम्मेदारी।
भंवरलाल मेघवाल : अनुशासन समिति के अध्यक्ष के तौर पर पार्टी में विरोधी गतिविधियों की जांच कर कार्रवाई की सिफारिश करने की जिम्मेदारी।