








जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए प्राणवायु ऑक्सीजन की व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए प्लांट लगाने, वर्तमान प्लांटों की उत्पादन क्षमता बढ़ाने बाबत अधिकारियों को योजना बनाने के निर्देश दिए हैं।
उन्होंने कहा कि हम मेडिकल ऑक्सीजन की पूर्ति में आत्मनिर्भर बनने की दिशा में काम कर रहे हैं। सीएम गहलोत सोमवार रात वीसी के जरिए कोविड संक्रमण, ऑक्सीजन गैस एवं कन्संट्रेटर, टैंकरों की उपलब्धता आदि के संबंध में समीक्षा कर रहे थे। बैठक में बताया गया कि चीन और रूस से कन्संट्रेटर के आयात की प्रक्रिया को अंतिम रूप दिया जा रहा है। दुबई तथा मुम्बई से भी कुछ फर्मों से कन्संट्रेटर खरीद के लिए चर्चा की जा रही है। मई के अंत तक लगभग 25 हजार कन्संट्रेटर आ जाएंगे।
नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल ने बताया कि बड़े शहरों में नगरीय विकास विभाग तथा यूआइटी के माध्यम से ऑक्सीजन प्लांट स्थापित करने के लिए भूमि चिन्हित की है। कुछ जिला कलक्टरों को जमीन चिन्हित करने के लिए कहा है।
चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा ने नए ऑक्सीजन प्लांट यथासंभव जिला अस्पतालों के पास स्थापित करने का सुझाव दिया। चिकित्सा राज्यमंत्री सुभाष गर्ग ने आरयूएचएस में भर्ती अतिरिक्त कोविड रोगियों को एसएमएस अस्पताल में स्थानांतरित करने की प्रक्रिया अधिक सरल बनाने का सुझाव दिया।
मुख्य सचिव निरंजन आर्य ने बताया कि केंद्र सरकार से राजस्थान के लिए बढ़े कोटे की आपूर्ति जामनगर से करने की मांग की है। रिलायंस इंडस्ट्रीज के अधिकारियों से इस प्लांट से अधिक आपूर्ति देने पर चर्चा की है। नैवैली लिग्नाइट ने ऑक्सीजन कन्संट्रेटर के सहयोग की पेशकश भी की है।
बैठक में बताया गया कि कुछ कंपनियों से नाइट्रोजन एवं एलएनजी के टैंकरों में से दो का रूपान्तरण करवा कर उनके जरिए ऑक्सीजन परिवहन शुरू किया गया है। कुछ टैंकरों के रूपांतरण का काम चालू है। पश्चिम बंगाल के पानागढ़ से भी चार अतिरिक्त टैंकर लाने के प्रयास चल रहे हैं।
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