








दबंग पुलिस अधिकारी विष्णुदत बिश्नोई की स्मृति में काव्य रचना
तेरा प्यार नहीं भूले हैं
इंसानियत और पुण्य कर्म से,
धर्मधरा भारत को जगाया है।
भारत माँ के वीर सुपूत तुमसे,
ईमानदारी नव सबक पाया हैं।।
उत्तम रहे सब कर्म तुम्हारे,
निज प्यारी भारत माता है।
विष्णुदत्त तुम्हारी गौरव गाथा,
सम्पूर्ण देश आज गाता है ।।
दृढ़ निश्चय विष्णुदत्त तुम्हारा,
पत्थर लकीर था पक्का इरादा।
किए जन भलाई कार्य तुमने,
उच्च विचार जीवन सादा था।।
23 वर्षों की पुलिस सेवा में,
जन जीवन था महका दिया।
हर कोई खुश था तुमसे मिल,
सेवा को ही धर्म बना दिया।।
हर कोई भूल गया सब कुछ,
संसार की माया नहीं भूला हैं।
‘पृथ्वीसिंह’ भूल गया सब कुछ,
पर विष्णु तेरा प्यार नही भूला है।।





