जयपुर Abhayindia.com राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच कांग्रेस पार्टी हाईकमान की ओर से की गई सुलह की कोशिश को एक बार और झटका लगता दिख रहा है। पायलट ने अपने पुराने सुर दिखाते हुए कहा कि भ्रष्टाचार और युवाओं के मुद्दे पर कोई समझौता संभव नहीं है। बुधवार को टोंक में पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती वसुंधरा सरकार के कार्यकाल में हुए भ्रष्टाचार के मामलों की जांच होनी चाहिए।
पायलट ने कहा कि मुझे विश्वास है कि 15 मई को मैंने जिन मुद्दों को लेकर सरकार को अल्टीमेटम दिया था, उस पर अब सरकार को कार्रवाई करनी है और मैं उसका इंतजार कर रहा हूं।
उन्होंने कहा कि दो दिन पूर्व दिल्ली में हुई बैठक के दौरान जो मैंने मांगे रखी थी वो पार्टी के संज्ञान में है। पायलट ने युवाओं के मुद्दे पर कहा कि प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले युवा किराए पर घर लेकर पढ़ाई करते हैं, इस कारण उनके परिवार पर आर्थिक बोझ पड़ता है। जब उनके साथ धोखा होता है उन्हें काफी पीड़ा पहुंचती है इसलिए सरकार को आर्थिक मदद करनी चाहिए। आरपीएससी में नियुक्तियों के मापदंड बदलने चाहिए। आरपीएससी में काफी पद खाली पड़े हैं और कुछ नियुक्ति ऐसी हैं जिनमें आमूलचूल परिवर्तन होना चाहिए।
उन्होंने बातचीत के दौरान भाजपा को घेरते हुए कहा कि भाजपा बार–बार डबल इंजन की बात करती है लेकिन उसके डबल इंजन अब सीज होना शुरू हो गए हैं। कर्नाटक में बीजेपी का क्या हाल हुआ वो सबने देखा है। कर्नाटक की 40 फीसदी कमीशन की सरकार को जनता ने उखाड़ फेंका है और ऐतिहासिक बहुमत कांग्रेस पार्टी को दिया है।
पायलट ने पीएम मोदी के राजस्थान दौरे को लेकर कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राजस्थान दौरे पर लगातार आ रहे हैं, इससे यह साफ है कि प्रदेश भाजपा विपक्ष की भूमिका निभाने में पूरी तरीके से सक्षम नहीं है, इनमें आपस में ही इतनी खींचतान है कि जनता अब बीजेपी से उम्मीद छोड़ चुकी है।