




जयपुर Abhayindia.com प्रदेश के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट को अर्थव्यवस्था से जुड़ी कमेटी में शामिल करने के कांग्रेस हाईकमान के फैसले को लेकर सियासी कयास तेज हो गए है। आपको बता दें कि उदयपुर में होने वाले चिंतन शिविर के लिए कांग्रेस ने सोमवार को 6 कमेटियों का गठन कर उसमें 54 प्रमुख नेताओं को शामिल किया गया। इनमें राजस्थान से सिर्फ सचिन पायलट का नाम शामिल रहा। जबकि कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव जितेंद्र सिंह, पंजाब प्रभारी हरीश चौधरी व गुजरात रघु शर्मा समेत अन्य बड़े नेताओं को दरकिनार किया।
आपको यह भी बता दें कि सचिन पायलट को ऐसे समय में इस कमेटी में शामिल किया गया है, जबकि पार्टी बदलाव के दौर से गुजर रही है। साथ ही 12 दिनों के भीतर पायलट की कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से दो बार लंबी बैठकें हुई। बताया जा रहा है कि पार्टी हर हाल में पायलट को सक्रिय रखना चाहती है। यही वजह है कि पद के बिना भी उन्हें लगातार अहम जिम्मेदारियां दी जा रही है। इसके पीछे पार्टी का लक्ष्य राजस्थान में सरकार रिपीट नहीं होने के मिथक तोडऩे का है। खुद पायलट भी कई बार कह चुके हैं, सरकार रिपीट नहीं होने की परिपाटी को इस बार तोड़ा जाएगा।





