जयपुर abhayindia.com राज्य उपभोक्ता आयोग की बेंच-2 ने पेट दर्द के रोगी को हार्ट रोगी बनाकर उसकी एंजियोग्राफी व एंजियोप्लास्टी करने के एक मामले में गंभीर सेवा दोष मानते हुए फोर्टिस हॉस्पिटल (Fortis Hospital) व फोर्टिस हैल्थकेयर पर 50 लाख रुपए का हर्जाना लगाया है।
जानकारी के अनुसार, आयोग ने कहा कि हर्जाने में से 25 लाख रुपए और दवाइयों पर खर्च हुई राशि 2,84,393 रुपए ब्याज सहित परिवादियों को दें और बाकी 25 लाख रुपए उपभोक्ता कल्याण कोष में 10 अगस्त 2015 से नौ फीसदी ब्याज सहित जमा कराएं। आयोग के न्यायिक सदस्य के. के. बागड़ी व सदस्य मीना मेहता की बेंच ने यह आदेश रेखा खुंटेटा व अन्य के परिवाद पर दिया।
आपको बता दें कि आयोग में दायर परिवाद में कहा गया था कि परिवादियों के पिता चेतराम खुंटेटा को पेट दर्द की शिकायत हुई। इस पर उन्हें फोर्टिस हॉस्पिटल गए। जहां हार्टरोगी बताकर उन्हें आईसीयू में भर्ती कर दिया व एंजियोग्राफी व एंजियोप्लास्टी कर दी। हॉस्पिटल व डॉक्टर की इलाज में लापरवाही को परिवादियों ने राज्य उपभोक्ता आयोग में चुनौती दी। आयोग ने परिवादियों के पक्ष में फैसला देते हुए इसे हॉस्पिटल की इलाज में लापरवाही माना। कहा कि फोर्टिस कॉरपोरेट हॉस्पिटल है, उससे ऐसी अपेक्षा नहीं की जाती।
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