बीकानेर Abhayindia.com राजस्थान शिक्षक संघ (शेखावत) ने राज्यव्यापी आंदोलन की घोषणा कर दी है। आंदोलन के क्रम में ओपीएस सहित अध्यापकों के स्थानांतरण, पदोन्नति तथा स्थाईकरण आदि विभागीय मांगों को लेकर 18 सितंबर को बीकानेर में शिक्षा निदेशालय के समक्ष विशाल धरना आयोजित किया जाएगा।
प्रदेश मंत्री श्रवण पुरोहित ने बताया कि संगठन के पदाधिकारियों की आज संपन्न बैठक में 18 सितम्बर को शिक्षा निदेशालय पर आयोजित विशाल धरने की तैयारियों को लेकर बैठक आयोजित कर सफल आयोजन की की रणनीति बनाई गई।
प्रदेश कार्यकारिणी के सदस्य खुमानाराम सारण ने कहा कि आन्दोलन को व्यापक बनाने के लिए 22 सितंबर को राजधानी जयपुर में कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा। इस कार्यशाला में संगठन के प्रतिनिधियों के अलावा कुछ पीड़ित शिक्षकों और आंदोलन में सहयोग करने के इच्छुक विशिष्ट शिक्षक एवं कर्मचारी प्रतिनिधियों को भी आमंत्रित किया जाएगा।
बालाराम मेघवाल ने कहा कि संगठन ने ऐलान किया है कि ओपीएस सहित कर्मचारियों की ज्वलंत मांगों को लेकर कर्मचारी महासंघ और स्कूल टीचर्स फैडरेशन ऑफ इंडिया के राष्ट्रव्यापी आह्वान पर 26 सितंबर को राज्यभर में जिला मुख्यालयों पर होने वाले विरोध प्रदर्शनों में राजस्थान के शिक्षक बड़ी संख्या में शामिल होंगे। राजस्थान शिक्षक संघ (शेखावत) ने सरकार को चेतावनी दी है कि शिक्षक और कर्मचारियों की इन मांगों पर सकारात्मक निर्णय करें अन्यथा राज्य में सरकार को बड़े आंदोलन का सामना करना पड़ेगा।
बैठक में प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य संजय पुरोहित, अध्यक्ष सुरेंद्र भाटी, जिला मंत्री महेंद्र भंवरिया, संगठन के वरिष्ठ साथी भंवर पोटलिया, आदूराम मेघवाल, पूगल ब्लॉक अध्यक्ष रतिराम जाखड़, कोलायत शाखा अध्यक्ष महेंद्र पंवार, देहात अध्यक्ष गणेश चौधरी, शहर अध्यक्ष देवेन्द्र जाखड़, अरुण गोदारा, विजय सिंह, जगदीश डिडेल ने भाग लिया।
शिक्षक दिवस पर छलका था दर्द
शिक्षक दिवस (5 सितंबर) पर राजस्थान शिक्षक संघ (शेखावत) द्वारा राज्यभर में आयोजित शिक्षक पंचायतों में पेंशन, अध्यापक स्थानांतरण, स्थानांतरण नीति, शिक्षा नीति और गैर शैक्षिक कार्यों से मुक्ति के अलावा वेतन स्थिरीकरण व स्थाईकरण जैसे रोजमर्रा के कार्यों को अकारण लटकाए रखने की विभागीय अधिकारियों की प्रवृत्ति जैसे मुद्दों पर शिक्षकों का दर्द छलक उठा था। बीकानेर जिला अध्यक्ष सुरेंद्र भाटी ने बताया कि राज्य भर में आयोजित शिक्षक पंचायतों में हुए विमर्श में तीखेपन के साथ यह उभर कर आया कि केंद्र सरकार द्वारा एनपीएस के स्थान पर यूपीएस का विकल्प देने, राज्य में ओपीएस की सुनिश्चितता के लिए कर्मचारियों द्वारा निरंतर आवाज उठाने के बावजूद राज्य सरकार की खामोशी ने ओपीएस के संबंध में कर्मचारियों की आशंका को बहुत बढा दिया है। शिक्षक पंचायतों में शामिल शिक्षकों का यह स्पष्ट सुझाव था कि कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना को बचाने के लिए मजबूती से संघर्ष के मैदान में उतरना चाहिए। शिक्षक और छात्र विरोधी शिक्षा नीति 2020 के खिलाफ और अध्यापकों के न्यायपूर्ण स्थानांतरण के लिए निर्णायक आंदोलन का ऐलान इन शिक्षक पंचायत में किया गया। जिला मंत्री महेंद्र पाल भंवरिया ने बताया कि राज्य के शिक्षकों की भावना, राज्यभर में आयोजित शिक्षक पंचायतों में शिक्षकों के उभरे गुस्से और पंचायतों में लिए गए निर्णयों के अनुरूप राजस्थान शिक्षक संघ (शेखावत) ने राज्यव्यापी आंदोलन की घोषणा कर दी है।