जयपुर abhayindia.com हाईकोर्ट ने राजस्थान विद्यालय फीस का विनियमन एक्ट-2016 के प्रावधानों को सही ठहराया है। कोर्ट के इस कदम के बाद अब राज्य सरकार इस एक्ट का पालन नहीं करने वाले निजी स्कूलों पर कार्रवाई कर सकेगी।
आपको बता दें कि बीते साल निजी स्कूल संचालकों ने इस एक्ट की कानूनी वैधता को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। इसके बाद कोर्ट ने करीब सवा साल पहले एक्ट के प्रावधानों के आधार पर निजी स्कूलों पर कार्रवाई करने पर रोक लगा रखी थी। अब हाईकोर्ट ने निजी स्कूल संचालकों की उक्त याचिका को खारिज कर दिया। ऐसे में अब प्रदेश के 35 हजार निजी स्कूलों के लिए एक्ट का पालन करना जरूरी हो गया है। हाईकोर्ट के निर्णय के बाद अभिभावकों में खुशी की लहर है। उनका कहना है कि आखिरकार अभिभावकों की जीत हुई।
कमेटी तय करेगी फीस
एक्ट के प्रावधानों के अनुसार, स्कूल फीस कमेटी तय करेगी। एकबार तय फीस 3 साल नहीं बढ़ेगी। फीस तय करने का हक स्कूल स्तरीय फीस कमेटी को है। दस सदस्यीय समिति में प्रिंसिपल सचिव, अध्यक्ष व तीन शिक्षक स्कूल प्रबंधन द्वारा नामित होते हैं। सदस्यों में 5 अभिभावक लॉटरी से चुने जाते हैं। 30 दिन में निर्णय करते हैं। एक बार तय फीस 3 साल नहीं बढ़ाई जाती।
नहीं तो ये मिलेगा दंड…
निजी स्कूलों ने ज्यादा फीस वसूल की तो 2.50 लाख तक का जुर्माना लग सकता है। कमेटी की तय फीस नहीं मानने वाले निजी स्कूलों पर 50 हजार से 2.50 लाख रु. तक जुर्माना लगाया जा सकता है।
”छात्र हित” की आड़ में शिक्षकों के हो रहे तबादले, डार्क जोन में लगे…