बीकानेर (अभय इंडिया न्यूज)। यदि सरकार सरकारी स्कूलों और गैर सरकारी स्कूलों में पढऩे वाले छात्रों के साथ भेदभावपूर्ण नीति को समाप्त नहीं करेगी तो आने वाले विधानसभा चुनाव में गैर सरकारी स्कूलों में पढऩे वाले छात्रों के अभिभावकों और वहां कार्यरत शिक्षकों व कर्मचारियों द्वारा सरकार की भेदभावपूर्ण नीति का खुले तौर पर विरोध किया जाएगा। यह संकल्प गुरुवार को निजी स्कूलों की 21 सूत्री मांगों को लेकर जयपुर स्थित विद्याधर नगर स्टेडियम में स्कूल शिक्षा परिवार, जयपुर द्वारा आयोजित शिक्षा महाकुंभ में हजारों स्कूल संचालकों ने भाग लिया। प्राईवेट एजूकेशनल इंस्टीट्यूट्स प्रोसपैरिटी एलायंस (पैपा) द्वारा समर्थित इस आयोजन में राजस्थान के कोने-कोने से पचास हजार से अधिक स्कूल संचालक एवं शिक्षक सम्मिलित होने के लिए जयपुर पहुंचे। पैपा के प्रदेश समन्वयक गिरिराज खैरीवाल ने बताया कि आज के तकनीकी युग में जैसे ही इस आयोजन में उपस्थित शिक्षक समुदाय की हजारों की संख्या की सूचना सरकार तक पहुंची सरकार ने चलती विधानसभा में से सार्वजनिक निर्माण विभाग मंत्री यूनुस खान को कार्यक्रम स्थल पर भेज दिया। इस अवसर पर यूनुस खान ने अपने उद्बोधन में कहा कि वे इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री के प्रतिनिधि के तौर पर आए हैं और अगले तीन चार दिन में आपकी सभी जायज मांगों का निस्तारण कर दिया जाएगा। स्कूल शिक्षा परिवार के प्रदेशाध्यक्ष अनिल शर्मा ने 21 सूत्री मांगों का उल्लेख कर उनके शीघ्र निवारण के लिए पुरजोर मांग की। महासचिव श्रवण बोहरा, लोकेश मिश्रा, डॉ. स्नेह लता भारद्वाज इत्यादि ने अपने अपने संबोधन में निजी स्कूलों की पीड़ा को प्रकट कर वाजिब हक के लिए आह्वान किया। पैपा के प्रदेश समन्वयक गिरिराज खैरीवाल के नेतृत्व में इस आयोजन में सुंदरलाल रामावत, रमेश बालेचा, मनोज कुमार राजपुरोहित, हरिनारायण स्वामी, चंपालाल प्रजापत, शिव कुमार शर्मा, मुकेश पांडेय, दीपक कच्छावा, लोकेश बालेचा, उमानाराम प्रजापत, विनोद रामावत, सूरज पंवार सहित बड़ी संख्या में बीकानेर जिले के स्कूल संचालकों ने जयपुर पहुंच कर महाकुंभ में हुंकार भरी। खींयाराम सैन श्री कोलायत और रामस्वरूप ज्याणी नोखा के नेतृत्व में दोनों स्थानों से भी सैंकड़ों स्कूल संचालकों ने महाकुंभ में सक्रिय सहभागिता की। |
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सरकार की भेदभावपूर्ण नीतियों का किया जाएगा पुरजोर विरोध
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