







बीकानेरAbhayindia.com गैर सरकारी शिक्षण संस्थाओं की ओर से विद्यार्थियों एवं अभिभावकों से फीस वसूल किए जाने और फीस का दबाव बनाए जाने की शिकायतें लगातार सामने आ रही थी।
इसको लेकर कुछ जागरुक नागरिक राजस्थान उच्च न्यायालय की शरण में भी गए थे। इसके बाद न्यायालय के आदेश की पालना में राज्य सरकर की ओर से शिक्षा निदेशालय के पत्र के जरिए अवगत कराया गया था। इसके अनुसरण में माध्यमिक शिक्षा निदेशक सौरभ स्वामी ने गैर शिक्षण संस्थाओं के लिए फीस वसूली के संबंध में दिशा-निर्देश जारी किए है।
यह रहेगी शुल्क वसूली की व्यवस्था…
नए निर्देशों के अनुसार विद्यालय खुलने के बाद विद्यार्थियों से केवल शिक्षण शुल्क(ट्यूशन फीस) ही लिया जाएगा। यह शिक्षण शुल्क, शिक्षण के लिए निर्धारित पाठ्यक्रम के अनुरुप होगा। जैसे: सीबीएसई की ओर से कक्षा 9 से 12 तक के लिए निर्धारित पाठ्यक्रम में 30 प्रतिशत कटौती कर 70 प्रतिशत पाठ्यक्रम निर्धारित किया गया है।
अर्थात लिया जाने वाला शुल्क गत सत्र में लिए जाने वाले शिक्षण शुल्क का 70 प्रतिशत ही होगा। इसी प्रकार राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की ओर से कक्षा 09 से 12 के लिए 40 प्रतिशत पाठयक्रम में कटौती कर 60 प्रतिशत पाठ्यक्रम निर्धारित किया गया है। ऐसे में इस बार बीते सत्र में लिए जाने वाले शिक्षण शुल्क का 60 प्रतिशत ही होगा। राज्य में कोविड-19 महामारी की परिस्थितियों के तहत वर्तमान में कक्षा 01 से 08 तक के विद्यालयों में बुलाए जाने का निर्णय नहीं किया गया है। ऐसे में इस संदर्भ में जब भी निर्णय होगा, जितना पाठ्यक्रम संक्षिप्त किया जाएगा, उसी के अनुपातिक रूप में लिया जाने वाला शुल्क की कटौती निर्धारित किए गए पाठ्यक्रम में की जाने वाली कटौती के अनुरुप होगी। तय होने वाले निर्धारित शुल्क का भुगतान करने के लिए विद्यालय की ओर से अभिभावकों, विद्यार्थियों को मासिक, त्रैमासिक भुगतान का विकल्प उपलब्ध करवाना होगा।
विद्यालय में गत शैक्षिक सत्र में पूर्व निर्धारित गणवेश (यूनिफार्म) को बदला नहीं जा सकेगा। इसके अलावा विद्यालय खुलने से पूर्व विद्यार्थियों से प्राप्त किए जाने योग्य शुल्क का निर्धारण विद्यालय खुलने के बाद शेष शिक्षण के लिए निर्धारित पाठ्यक्रम के अनुसार किया गया है। राजस्थान विद्यालय (फीस का विनियमन) अधिनियम 2016 एवं नियम 2017 के अनुसार विद्यालय स्तर पर गठित विद्यालय फीस कमेटी की ओर से निर्धारित किया गया शुल्क ही निर्धारण के लिए मान्य होगा।



