








बीकानेर Abhayindia.com राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी की 150वीं जयन्ती वर्ष श्रृंखला के तहत 152 वीं जयन्ती के उपलक्ष्य में महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय (एमजीएसयू) में ‘‘राष्ट्र निर्माण एवं वर्तमान में गाँधी जी के विचारों की प्रासंगिकता’विषय पर वर्चुअल व्याख्यान आयोजित हुआ। सर्वप्रथम राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी व लालबहादुर शास्त्री के चित्र पर माल्यार्पण के साथ आयोजन का विधिवत शुभारम्भ हुआ। संयोजन करते हुए इतिहास विभाग की डॉ. मेघना शर्मा ने गांधी व शास्त्री सरीखी विभूतियों के आदर्शो को आत्मसात करने की आवश्यकता को कार्यक्रम के परिचय के साथ व्यक्त करते हुए अतिथियों का परिचय मंच से दिया। सेन्टर के डायरेक्टर एवं कार्यक्रम प्रभारी प्रो. अनिल कुमार छंगाणी द्वारा स्वागत भाषण देते हुए कार्यक्रम की संक्षिप्त रूपरेखा प्रस्तुत की गई।
व्याख्यान में अध्यक्षीय उद्बोधन देते हुए कुलपति प्रो. विनोद कुमार सिंह ने कहा कि महात्मा गाँधी प्रयोगधर्मी चिंतक थे जिनका वजूद सांस्कृतिक चेतना के सूत्र में राष्ट्र को जोड़ने के प्रति समर्पित रहा। गाँधी जी राजनीतिक चरित्र की धारा बदलकर एक ऐसे संगम के रूप में स्थापित हुए, जिसमें गरम दल और नरम दल दोनों की लकीरें विलीन हो गयी। भारतीय क्रांति की अभिव्यक्ति गाँधी जी के विचारों में परिलक्षित होती है। उन्होंने कहा कि गांधी जी एक महान शिक्षाविद् थे, उनका मानना था कि किसी देश की सामाजिक, नैतिक और आर्थिक प्रगति अंततः शिक्षा पर निर्भर करती है। उनकी राय में शिक्षा का सर्वोच्च उद्देश्य आत्म मूल्यांकन है। उनके अनुसार विद्यार्थियों के लिए चरित्र निर्माण सबसे महत्वपूर्ण है और यह उचित शिक्षा से ही संभव है।
मुख्य वक्ता प्रो. सतीश कुमार ने गांधी को बहुआयामी व्यक्तित्व बताते हुए अपने संभाषण में प्लेटफार्म पर फेक दिये जाने वाले गांधी और उसके बाद उठकर खडे़ होने वाले गांधी के अन्तर को स्पष्ट करते हुए उनके स्वतंत्रता आन्दोलन के महानायक तक के सफर को चित्रित करते हुए गांधी जी के जीवन से प्रेरणा लेने का स्मरण करवाया। वक्ता के रूप में प्रबन्ध बोर्ड सदस्य डाॅ. विनोद चन्द्रा ने बताया कि आज गांधी को विचारों एवं व्याख्यानों की परिधि से बाहर निकालकर आचरण में उतारने व व्यवहारिक रूप से उनके सिद्वान्तों की पालना सुनिश्चित करवाने की जरूरत वर्तमान पीढ़ी के उत्थान हेतु आवश्यक है। व्याख्यान में धन्यवाद ज्ञापन शोध निदेशक डॉ. रविन्द्र मंगल द्वारा किया गया। कार्यक्रम में प्रो. सुरेश कुमार अग्रवाल, प्रो. राजाराम चोयल, डॉ. गौतम मेघवंशी, डॉ. धर्मेश हरवानी, डॉ. अभिषेक वशिष्ठ, डॉ. ज्योति लखाणी, डॉ. प्रभुदान चारण, डॉ. सीमा शर्मा, अमरेश कुमार सिंह, उमेश शर्मा, निर्मल भार्गव आदि उपस्थित रहे।
पेपर लीक प्रकरण को लेकर प्रदेशभर के बेरोजगारों की जयपुर में महापड़ाव की तैयारी
जयपुर Abhayindia.com प्रदेश में रीट और एसआई परीक्षा को लेकर विरोध के स्वर तेज होते जा रहे हैं। परीक्षा के दौरान पेपर लीक प्रकरण को लेकर अब प्रदेशभर के बेरोजगार जयपुर में महापड़ाव डालने जा रहे हैं।। बेरोजगार एकीकृत महासंघ के पदाधिकारियों ने बताया कि परीक्षा में हुई धांधली के बावजूद दोषियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की जा रही। जबकि, विरोध करने पर बेरोजगार युवाओं को जेल में डाला जा रहा है। जिसके खिलाफ अब आर-पार की लड़ाई लड़ी जाएगी। जिसके तहत 5 अक्टूबर को प्रदेशभर के हजारों युवा सरकार के खिलाफ आंदोलन शुरू करेंगे। राजस्थान बेरोजगार एकीकृत महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष उपेन यादव ने कहा की कुछ लोग बेरोजगारों के आंदोलन को दबाना चाहते है। लेकिन ऐसा कभी नहीं होगा। उन्होंने कहा कि सरकार मुझे गिरफ्तार कर सकती है। लेकिन बेरोजगारों की आवाज नहीं दबा सकती है। ऐसे में जब तक रीट और सब इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा की सीबीआई से जांच होने के साथ दोषियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होगी। तब तक प्रदेशभर के लाखों बेरोजगारों का आंदोलन जारी रहेगा।
उपेन ने कहा कि राजस्थान में एक बड़ा नकल गिरोह काम कर रहा है। जो हर भर्ती परीक्षा से पहले ही पेपर आउट कर लाखों बेरोजगारों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहा है। जिसमें कई राजनेता भी शामिल हैं। जिन्हें में जल्द ही बेनकाब करूंगा। उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। तभी प्रदेश के लाखों बेरोजगारों को न्याय मिल सकेगा। इसके साथ ही प्रदेश में नकल पर नकेल कसने के लिए कानून भी बनाया जाना चाहिए। तभी भविष्य में इस तरह की घटनाओं पर अंकुश लग पाएगा।
आपको बता दें कि 30 सितंबर को रीट और सब इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा में हुई धांधली के खिलाफ प्रदेशभर के युवा उपेन यादव के नेतृत्व में जयपुर में महापड़ाव डालने वाले थे। लेकिन इससे पहले ही पुलिस ने उपेन को 3 महीने पुराने मामले में गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद सोशल मीडिया पर उपेन को रिहाई को लेकर कैंपेन शुरू हो गया। जो देशभर में नंबर वन ट्रेंड करने लगा। वहीं युवाओं के बढ़ते विरोध के बाद गुरुवार देर शाम पुलिस ने उपेन को रिहा कर दिया। जिसके बाद उपेन बेरोजगारों के साथ में एक बार फिर आंदोलन की रणनीति बनाने में जुट गए हैं।
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