









बीकानेर Abhayindia.com राज्य सरकार द्वारा सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों के संतुलित एवं समावेशी तीव्र विकास के माध्यम से राज्य के आर्थिक एवं सामाजिक सुदृढ़ीकरण के लिए राजस्थान एमएसएमई नीति 2024 लागू की गई है। यह नीति राज्य में 31 मार्च 2029 तक प्रभावी रहेगी।
जिला उद्योग एवं वाणिज्य केंद्र की महाप्रबंधक मंजू नैण गोदारा ने बताया कि नए एमएसएमई उद्यमों के सृजन तथा विद्यमान एमएसएमई इकाईयों के विस्तार के लिए 50 करोड़ रुपए तक ऋण राशि पर रिप्स 2024 अंतर्गत देय ब्याज अनुदान के अलावा चयनित इकाईयों को 2 प्रतिशत तक अतिरिक्त व्याज अनुदान देय होगा। साथ ही लघु एवं मध्यम इकाईयों द्वारा एसएमई एक्सचेंज प्लेटफॉर्म के माध्यम से धन जुटाने के लिए किए गए खर्च पर अधिकतम 15 लाख रूपए तक की एकमुश्त सहायता दी जाएगी।
उन्होंने बताया कि सूक्ष्म एवं लघु उद्यमों को केंद्र व राज्य सरकार द्वारा स्थापित प्रमुख राष्ट्रीय संत्त्वानों से उन्नत प्रौद्योगिकी/ सॉफ्टवेयर अधिग्रहण के लिए किए गए व्यय पर 50 प्रतिशत (अधिकतम 5 लाख रुपये) तक की पुनर्भरण सहायता दी जाएगी। राष्ट्रीय व अन्तर्राष्ट्रीय मानक प्रमाणन प्राप्ति तथा इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट्स (आईपीआर) के लिए व्यय पर 50 प्रतिशत (अधिकतम 03 लाख रुपये) तक की पुनर्भरण सहायता दी जाएगी।
महाप्रबंधक ने बताया कि इसके अलावा 5 एमएसएमई उत्पादों के विपणन के लिए राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय आयोजनों में भाग लेने पर स्टॉल रेंट अनुदान व आवागमन के लिए अधिकतम 15 लाख रुपए तक की सहायता प्रदान की जाएगी। उद्यमों के डिजिटाईजेशन के लिए उपकरण व सॉफ्टवेयर क्रय पर हुए व्यय का 75 प्रतिशत (अधिकतम 50,000 रुपए) तक की पुनर्भरण सहायता तथा ई-कॉमर्स के प्रयोग को प्रोत्साहित करने के लिए प्लेटफॉर्म फीस का 75 प्रतिशत (अधिकतम 50,000 रुपए) तक की पुनर्भरण सहायता दी जाएगी। पात्र व्यक्ति योजना का लाभ उठाना व अधिक जानकारी के लिए रानीबाजार, चौपड़ा कटला स्थित जिला उद्योग एवं वाणिज्य केंद्र कार्यालय में संपर्क कर सकते हैं।




