जोधपुर abhayindia.com जोधपुर महानगर मजिस्ट्रेट की अदालत ने जिले में एक महिला की मौत के बाद किए जाने वाले मृत्युभोज पर रोक के आदेश दिए हैं। आपको बता दें कि जोधपुर के दो शिक्षकों ने मृत्युभोज की सूचना पर अदालत की शरण में जाते हुए इस पर रोक की गुहार लगाई थी।
मीडिया रिपोर्टस के अनुसार जोधपुर से सटे गांव सोढ़ों की ढाणी की हवादेवी की पिछले दिनों मृत्यु हो गई थी। उसके बाद परिजनों ने मृत्यु भोज करने की तैयारी कर रखी थी। इसकी जानकारी मिलने पर जोधपुर के सैन समाज से जुडे मनीष पंवार और बन्नाराम दोनों जोधपुर महानगर मजिस्ट्रेट की अदालत में पहुंचे और मृत्युभोज रुकवाने की गुहार की। इस पर अदालत ने राजस्थान मृत्यु भोज निषेध अधिनियम 1960 के तहत महिला के पुत्र भंवरलाल और हरिराम को 10 व 11 मई को प्रस्तावित मृत्यु भोज रोकने के आदेश जारी किए।
शिक्षक मनीष पंवार बताते हैं कि समाज के पंच गरीबों को सामाजिक मान्यताएं निभाने के लिए मजबूर करते हैं। किसी की मृत्यु के बाद बैठक व न्यात में अफीम खिलाने और सैंकडों लोगों को भोजन करने के लिए भी मजबूर किया जाता है। अपना रुतबा दिखाने के लिए पंचों के दबाव में चलते लोग कर्ज तले दब जाते हैं, इसलिए यह कुरीति खत्म होनी चाहिए। मनीष पंवार और बन्नाराम दोनों पेशे से शिक्षक हैं।
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