Monday, January 13, 2025
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मकर संक्रान्ति-2025 : पुण्य काल के समय ही की जानी चाहिये सभी गतिविधियां

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मकर संक्रान्ति फल मकर संक्रान्ति फलम्। चोरों के लिए यह संक्रान्ति अच्छी है। वस्तुओं की लागत सामान्य होगी। भय और चिन्ता लाती है। लोग खांसी और ठण्ड से पीड़ित होंगे, राष्ट्रों के बीच संघर्ष होगा और बारिश के अभाव में अकाल की सम्भावना बनेगी।

मकर संक्रान्ति मुहूर्तमकर संक्रान्ति मुहूर्त

संक्रान्ति करण: बालव

संक्रान्ति दिन: Tuesday / मंगलवार

संक्रान्ति अवलोकन दिनाँक: जनवरी 14, 2025

संक्रान्ति गोचर दिनाँक: जनवरी 14, 2025

संक्रान्ति का समय: 09:03 ए एम, जनवरी 14

संक्रान्ति घटी: 5 (दिनमान)

संक्रान्ति चन्द्रराशि: कर्क

संक्रान्ति नक्षत्र: पुनर्वसु (चर संज्ञक)  बालव करण संक्रान्ति के साथ वाहन व्याघ्र पर सवार संक्रान्ति गुण।। फ़लम्।।

नाम              महोदर

वार मुख        दक्षिण

दृष्टि               वायव्य

गमन              पश्चिम

वाहन              व्याघ्र

उपवाहन          अश्व

वस्त्र                पीला

आयुध             गदा

भक्ष्य पदार्थ     पायस

गन्ध द्रव्य      कुमकुम

वर्ण             भूत

पुष्प              जटी

वय              कुमार

अवस्था         भोग

करण मुख     दक्षिण

स्थिति            बैठी

भोजन पात्र     चाँदी

आभूषण      कङ्कण

कन्चुकी         हरि

2025 मकर संक्रान्ति

मकर संक्रान्ति के क्षण से प्रारम्भ कर, 40 घटी के तक का समय मकर संक्रान्ति से सम्बन्धित शुभ कार्य करने के लिए उत्तम माना जाता है। यदि 1 घटी की अवधि 24 मिनट मानी जाये, तो 40 घटी की अवधि, भारतीय भौगोलिक स्थिति के लिये, लगभग 16 घण्टे की समयावधि होती है। 40 घटी की यह समयावधि पुण्य काल के नाम से जानी जाती है। संक्रान्ति के अवसर पर की जाने वाली विभिन्न क्रियायें, जैसे पवित्र स्नान करना, भगवान सूर्य को नैवेद्य अर्पण करना, दान-दक्षिणा देना, श्राद्ध कर्म करना तथा व्रत का पारण करना, यह सभी गतिविधियाँ पुण्य काल के समय ही की जानी चाहिये।

यदि मकर संक्रान्ति सूर्यास्त के उपरान्त होती है, तो ऐसी स्थिति में पुण्य काल की सभी गतिविधियाँ अगले दिन सूर्योदय काल तक स्थगित कर दी जाती हैं। अतः पुण्य काल की सभी गतिविधियाँ दिन के समय ही सम्पन्न करनी चाहिये। हिन्‍दू धार्मिक ग्रन्थों के अनुसार, सूर्योदय के उपरान्त 5 घटी का समय (यदि संक्रान्ति पिछले दिन के सूर्यास्त के पश्चात होती है) तथा संक्रान्ति क्षण के 1 घटी के उपरान्त तक (यदि संक्रान्ति दिन के समय होती है) का समय अत्यन्त शुभ माना गया है। यदि यह मुहूर्त उपलब्ध है, तो हम इसे महापुण्य काल मुहूर्त के रूप में सूचीबद्ध करते हैं। महापुण्य काल मुहूर्त उपलब्ध होने पर उसे पुण्य काल मुहूर्त से अधिक प्राथमिकता दी जानी चाहिये। गुजरात एवं राजस्थान में मकर संक्रान्ति को उत्तरायण के नाम से जाना जाता है। हरियाणा एवं पंजाब में मकर संक्रान्ति को माघी के नाम से जाना जाता है। संक्रान्ति पुण्य काल मुहूर्त, सभी शहरों के लिये भिन्न-भिन्न होता है।

सोना, चांदी, चना, हल्दी, सरसों, दानामेथी, केशर, चंदन, चाय, तम्बाकू, मसाला, सुगंधी पदार्थ में उन्नत धारणा। मंगलवार को मकर संक्रांति होने से किसी प्रस्थित व्यक्ति के निधन अथवा प्राकृतिक प्रकोप से जनहानि होवे। सभी को संक्रान्ति की हार्दिक शुभकामनायें। -पं. भैरव रतन बोहरा, ज्‍योतिषाचार्य, जोशीवाड़ा, बीकानेर।

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