Friday, May 3, 2024
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भारत में चंद्रग्रहण : जानियें सूतक का समय, ग्रहण के दौरान क्‍या करें-क्‍या न करें…

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इस साल का दूसरा चंद्रग्रहण भारत में 28 और 29 अक्‍टूबर की मध्‍यरात्रि को लगेगा। यह आंशिक चंद्रग्रहण होगा। यहां जानते हैं चंद्रग्रहण से संबंधित अहम जानकारियां…

ग्रहण प्रारंभ : रात्रि 1: 05

ग्रहण समाप्त : रात्रि 1 : 45

ग्रहण मध्य : रात्रि 2 : 30

ग्रहण का सूतक काल : ग्रहण से 9 घंटे पहले दिनांक 28 अक्टूबर वार शनिवार शाम 4:05 मिनट से प्रारंभ होगा

सूतक प्रारंभ हो जाने के बाद बालक, वृद्ध व रोगियों को छोड़कर धार्मिक जनों को भोजनादि नहीं करना चाहिए।

ग्रहण के सूतक काल व ग्रहण के समय में वर्जित कार्य…

धर्मशास्त्रों में सूतक प्रारंभ हो जाने के बाद मूर्ति स्पर्श, अनावश्यक खाना-पीना, निद्रा, मैथुन, नाखून काटना, तेलाभ्यंग करना वर्जित माना गया है। साथ ही झूठ, वृथा वाद-विवाद, मूत्र पुरीषोत्सर्ग से भी दूर रहने का उल्लेख मिलता है।

नोट :- सूतक काल में बालक, वृद्ध, रोगी तथा गर्भवती तथा स्त्रियां यथानुकूल भोजन या दवाई लेने में कोई दोष नहीं लगता है।

-पका हुआ अन्न, कटी हुई सब्जी या फल ग्रहण काल में दूषित हो जाते हैं, उन्हें खाना नहीं चाहिए, लेकिन तेल या घी से पके अन्न में घी, तेल, दूध, दही, लस्सी, पनीर, आचार, चटनी में कुशा रख देने से दूषित नहीं होते हैं।

-सूखे खाद्य पदार्थों यथा गेहूँ, चना, दाल, आटा, चीनी आदि में कुशा या तिल डालने की जरूरत नहीं होती हैं।

-ग्रहण का राशिफल यह खण्डग्रास चंद्रग्रहण अश्विनी नक्षत्र व मेष राशि में घटित हो रहा है। अतः अश्विनी नक्षत्र व मेष राशि में उत्पन्न व्यक्तियों के लिए विशेष अशुभ फलप्रद रहेगा। जिन्हें संपूर्ण ग्रहण के समय चंद्र-राहु के तथा अपने राशि स्वामी मंगल के जप करने चाहिए।

विशेष : ग्रहण के समय गुरु मंत्र का जप, गाय को घास और जरूरतमंद को कपड़े दान करने चाहिए इससे इसका अनेक गुणा फल प्राप्त होता है

ग्रहण के विशेष फल : अश्वनी मास में शनिवार को चंद्र ग्रहण होने से कहीं प्रकृति प्रकोप दुर्भिक्ष भाई भूकंप से जन धन की हानि होगी। लोहा क्रूड ऑयल व लाल रंग की वस्तुओं में तेजी रहेगी। शासकों में मतभेद, डॉक्टर एवं व्यापारियों को कष्ट पीड़ा बढ़ेगी, चीन, ईरान, इराक, अफगानिस्तान आदि देशों में अशांति, भाव भूकंप आदि की घटनाएं अधिक होने की आशंका है।

राशि में ग्रहण का फल…

-मेष, वृषभ, कन्या, मकर में : अशुभ फल

-सिंह, तुला, धनु, में : सामान्य/ मध्य फल

-मिथुन, कर्क, वृश्चिक, कुंभ में : शुभ सुखद फल

इस ग्रहण से भारत के कई राज्यों में वह इंग्लैंड, डेनमार्क, श्रीलंका, सीरिया, नेपाल, पोलैंड व पूर्वी प्रांत में रोग होने की आशंका है। पशुओं में बीमारी, अच्छी वर्षा, अच्छा शक्कर सोना, चांदी, शेयर बाजार में तेजी व रसदार पदार्थ, फल में तेजी होगी। -ज्योतिषाचार्य मोहित बिस्सा

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