








बीकानेर Abhayindia.com शादी के तीन माह बाद सास की मौत, फिर 2017 में पति व 2018 में ससुर भी नहीं रहे। लगातार अपनों को खोने वालीं रिचा शेखावत ने हौसला नहीं खोया। पढ़ाई जारी रखी। अनुकंपा नौकरी तक ठुकरा दी और अब जज बन गईं। पूरी कहानी हर किसी के लिए प्रेरणादायी है। रिचा शेखावत के संघर्ष व कामयाबी को हर कोई सैल्यूट करता नजर आ रहा है।
रिचा शेखावत की शिक्षा इन्होंने महारानी कॉलेज बीकानेर व महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय से उच्च शिक्षा हासिल की है। बीए, एमए, एलएलबी, एलएलएम व लीगल और फोरेंसिक साइंस में पीजी डिप्लोमा किया। वर्ष 2020 में एलएलएम में महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय बीकानेर में सर्वोच्च स्थान प्राप्त किया।
आपको बता दें कि मूलरूप से सीकर जिले के खंडेला इलाके के गांव गुरारा की रहने वाली रिचा शेखावत की शादी साल 2006 में चूरू जिले के गांव थैलासर निवासी नवीन सिंह राठौड़ से हुआ। शादी के तीन माह बाद ही सड़क हादसे में सास का निधन हो गया। साल 2017 में बीकानेर पुलिस कांस्टेबल पति नवीन सिंह की कार्डियक अरेस्ट से मौत हो गई। अगले साल 2018 में डीएसपी पद पर कार्यरत ससुर पृथ्वी सिंह का निधन हो गया। बीकानेर में रह रहीं रिचा के पिता रतनसिंह शेखावत राजस्थन पुलिस में थे। बीकानेर से रिटायर हुए। पिता की पोस्टिंग के चलते रिचा की पढ़ाई बीकानेर से हुई। वर्तमान में भी रिचा अपने परिवार के साथ बीकानेर में रह रही हैं। इनके दो बच्चे हैं। बेटी 11वीं और बेटा सातवीं कक्षा में पढ़ रहा है। नहीं की अनुकंपा नौकरी कांस्टेबल पति की मौत के बाद रिचा को अनुकंपा नौकरी मिल सकती थी, मगर इन्होंने संघर्ष को चुना और उसी साल बीकानेर के महारानी कॉलेज बीकानेर से लीगल एंड फोरेंसिक साइंस में पीजी डिप्लोमा किया। साल 2021 में आरपीएससी से चयनित होकर विधि अधिकारी बनी और पीएचईडी बीकानेर में पोस्टेड हुई।





