








कोलकाता Abhayindia.com समर्पण ट्रस्ट ने भारतीय उत्तराधिकार और उसकी जटिलता विषय पर सोमवार को वेबिनार कार्यक्रम आयोजित किया।
इस मौके पर आयकर विशेषज्ञ अधिवक्ता पारस कोचर ने कहा कि पारिवारिक संपत्तियों के मामले में बंटवारे से सम्बंधित विवादों से बचने के लिए बहुत जरूरी है कि जीवित रहते ही इसकी पुख्ता व्यवस्था कर ली जाए ताकि बाद में लिखित रूप से बंटवारे का मसौदा सबके सामने रहे।
कोचर ने कहा कि अमूनन परिवार के मुखिया के जीवित रहते उत्तराधिकार को लेकर कोई समस्या नहीं होती लेकिन उसकी मृत्यु के बाद विवाद खड़ा हो जाता है, इससे बचने के लिए प्रत्येक परिवार के मुखिया को चाहिए कि वह अपने जीवनकाल में ही अपनी सम्पत्तियों को लेकर गहन चिंतन करे और प्रत्येक सदस्य को भविष्य में मिलने वाले अधिकारों को लिखित रूप से वसीयत के माध्यम से प्रदान करें।
कार्यक्रम में देश भर से आयकर वकीलों, उद्योगपतियों सहित बड़े व्यापारियों ने हिस्सा लिया। आयकर के पूर्व मुख्य आयुक्त ए एल के बी चांद एवं अतिरिक्त मुख्य आयकर आयुक्त सेमे भी शामिल हुए। समर्पण ट्रस्ट की ओर से प्रमुख ट्रस्टी प्रदीप ढेढिय़ा व सुशील चौधरी ने विचार रखे। अजीत जैन ने अभार जताया।
रिपोर्ट : सच्चिदानंद पारीक, ब्यूरो चीफ कोलकाता





