बीकानेर Abhayindia.com पंचांग के अनुसार, खरमास 16 दिसंबर 2023, शनिवार को शुरू हो रहे हैं, जो पूरे एक माह तक चलेंगे और “मकर संक्रांति” के दिन समाप्त होंगे। ‘खरमास’ को ‘मलमास’ भी कहा जाता है।
धनु राशि में प्रवेश करेंगे सूर्यदेव…
ग्रहों के राजा सूर्य 16 दिसंबर, शनिवार को दिन दोपहर 3:57.48 पर वृश्चिक राशि से निकलकर धनु राशि में गोचर करेंगे। इसे धनु संक्रांति भी कहा जाता है क्योंकि सूर्य धनु राशि के लग्न भाव में गोचर करेंगे और करीब एक माह तक रहेंगे।
खरमास के दिनों में सूर्य देव धनु और मीन राशि में प्रवेश करते हैं। इसके साथ ही बृहस्पति ग्रह का प्रभाव कम हो जाता है। वहीं, बृहस्पति यानी गुरु ग्रह को शुभ कार्यों का कारक माना जाता है। विवाह के लिए शुक्र और गुरु दोनों का उदय होना आवश्यक होता है। अगर दोनों में से एक भी अस्त रहेगा, तो शुभ व मांगलिक कार्यों को करने की मनाही होती है।
ज्योतिष शास्त्र और सनातन धर्म में खरमास को मांगलिक अनुष्ठान के लिए शुभ नहीं माना जाता। इस दौरान सभी प्रकार के मांगलिक कार्य, शादी-विवाह आदि वर्जित होते हैं। अक्सर मार्गशीर्ष और पौष मास के बीच खरमास लगता है। हाल ही में देवउठनी एकादशी के साथ 4 महीने का चातुर्मास समाप्त हुआ है। साथ ही शादी-विवाह जैसे शुभ कार्य शुरू हो चुके हैं, लेकिन अब फिर शुभ कार्यों और लग्नों पर पूर्ण विराम लगने जा रहा है।
खरमास में करें ये काम…
शास्त्रों के अनुसार खरमास में सूर्य देव की उपासना की जानी चाहिए।
इस दौरान तीर्थों में स्नान, दीपदान और जरूरतमंदों को उपयोगी चीजों का दान करना शुभ माना जाता है और इससे हर कार्य की सिद्धि होती है।
व्यापार, नव वस्त्र, उपनयन संस्कार, नामकरण, नव रत्न धारण और कर्णवेध संस्कार भी सुचारू रूप से आप खरमास के दौरान भी कर सकते हैं।
पूजा पाठ, कथा और व्रत करने में भी कोई दोष नहीं होता है।
मान्यता है कि खरमास के पूरे माह में सूर्य देव को तांबे के पात्र से जल देना चाहिए, और सूर्य के मंत्रों का जाप करना चाहिए। प्रातःकाल उगते हुए सूर्य को नमस्कार करना चाहिए।
इस मास में गाय की सेवा करना गाय को हरी घास एवं गुड़ और चना खिलाना चाहिए।
खरमास के दौरान इन कार्यों को न करें…
धर्म-शास्त्रों के अनुसार खरमास के दौरान तामसिक भोजन जैसे- प्याज, लहसुन, नॉनवेज, शराब आदि का सेवन न करें।
इस माह में कोई भी नया वाहन नहीं खरीदना चाहिए।
इसके अलावा विवाह और गृह प्रवेश भी नहीं करना चाहिए।
कोई भी नया कारोबार इस अवधि में नहीं शुरू करना चाहिए।
खरमास में क्या करें…
इस माह में भगवान की पूजा उपासना, कथा श्रवण, मंत्र जप, नाम जप, इत्यादि का विशेष महत्व है। इस माह में देव वृक्ष जैसे पीपल, तुलसी, आंवला, इत्यादि की पूजा उपासना एवं वृक्षारोपण का विशेष महत्व है। इस माह में गाय की सेवा करना दान- पुण्य देना भी काफी पुण्य दायक होता है। -ज्योतिर्विद मोहित बिस्सा, बीकानेर