जोधपुर Abhayindia.com चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर के मार्गदर्शन में प्रदेश में अंगदान एवं प्रत्यारोपण के कार्य को मजबूती के साथ आगे बढ़ाया जा रहा है। शनिवार को प्रदेश में एक और अंगदान हुआ। एम्स जोधपुर में एक ब्रेन डेड मरीज के अंग दान किये गए। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह के निर्देशन में अंगदान एवं प्रत्यारोपण के इस मानवीय कार्य को मंजिल तक पहुंचाया गया। सिंह ने कहा कि यह प्रसन्नता का विषय है कि राज्य सरकार के प्रयासों से प्रदेश में अंगदान की मुहिम सकारात्मक रूप से आगे बढ़ रही है और लोगों को नया जीवन मिल रहा है।
जैतारण निवासी 46 वर्षीय कंवराई देवी 28 अगस्त, 2024 को सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल हो गईं थी। उन्हें उपचार के लिए एम्स जोधपुर के आपातकालीन विभाग में लाया गया। चिकित्सा प्रयासों के बावजूद, 30 अगस्त, 2024 को उन्हें ब्रेन डेड घोषित कर दिया गया। अस्पताल प्रशासन की समझाइश के बाद साहस और करुणा का परिचय देते हुए कंवराई देवी के परिवार ने उनके अंगों को दान करने का निर्णय लिया। परिवार से लिखित सहमति प्राप्त होने के बाद अंगदान की प्रक्रिया शुरू की गई। संभावित प्राप्तकर्ताओं में प्रत्यारोपण के लिए दानकर्ता की किडनी, लीवर और हृदय को निकाला गया। एक किडनी एम्स जोधपुर को तथा दूसरी किडनी औ र हृदय एसएमएस अस्पताल जयपुर को तथा लीवर महात्मा गाँधी अस्पताल जयपुर को आवंटित किया गया।
किडनी, लीवर और हृदय को पहले एम्स से जोधपुर एयरपोर्ट और फिर हवाई मार्ग से जयपुर भेजा गया। उसके बाद ग्रीन कॉरिडोर बनाकर किडनी और हृदय को जयपुर एयरपोर्ट से सड़क मार्ग से एसएमएस जयपुर तथा लीवर को महात्मा गाँधी अस्पताल जयपुर भेजा गया। एसएमएस अस्पताल में वरिष्ठ प्रोफेसर सीटीवीएस डॉ. राजकुमार यादव एवं उनकी टीम ने हृदय प्रत्यारोपण तथा डॉ. शिवम प्रियदर्शी तथा डॉ. नीरज गंगवाल ने किडनी प्रत्यारोपण कर दो लोगों को नया जीवन दिया। महात्मा गांधी अस्पताल में डॉ. नमिष एन मेहता ने लीवर प्रत्यारोपण किया। ऑर्गन रिट्रीवल प्रक्रिया को एम्स जोधपुर के ऑर्गन ट्रांसप्लांट टीम द्वारा कार्यकारी निदेशक प्रो. जीडी पुरी, ट्रांसप्लांट टीम के अध्यक्ष प्रो. एएस संधू, चिकित्सा अधीक्षक डॉ. दीपक झा और ट्रांस्प्लांट प्रोग्राम के नोडल ऑफिसर डॉ शिव चरण नावरिया की देखरेख में सटीकता के साथ अंजाम दिया गया।
ऑर्गन रिट्रीवल प्रक्रिया के बाद शव को पूरे सम्मान और प्रतिष्ठा के साथ परिवार को सौंप दिया गया। पूरी प्रक्रिया के दौरान परिवार को अपनी आध्यात्मिक मान्यताओं का पालन करने का अवसर दिया गया। कंवराई देवी के परिजनों के जीवनदान के निर्णय, चिकित्सा पेशेवरों के समर्पण, एसएमएस अस्पताल और एम्स प्रशासन सहित पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों के सहयोग से चार लोगों को जीवन का उपहार मिला।