Saturday, January 18, 2025
Hometrendingमनादर नगरी बनी जैन दादाबाड़ी, श्री विजयशान्ति सूरीश्वर भगवंत का 131 जोड़ों...

मनादर नगरी बनी जैन दादाबाड़ी, श्री विजयशान्ति सूरीश्वर भगवंत का 131 जोड़ों ने एक साथ किया दिव्य महापूजन

Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad

बीकानेर Abhayindia.com श्री पार्श्वचंद्र सूरी गच्छीय जैन दादाबाड़ी में श्री शांतिविजय सेवा समिति के तत्वावधान में रविवार को आचार्य सम्राट 1008 श्री विजयशान्ति सूरीश्वर भगवंत का 131 जोड़ों ने एक साथ महापूजन किया।

समिति अध्यक्ष ऋषभ सेठिया ने बताया कि सुबह 8:30 बजे प्रारंभ हुआ यह पूजन करीब चार घंटे तक अनवरत जारी रहा। भव्यरूप से सजे पांडाल में रंगोली व गहुली रचना से जैन धर्म के मंत्रों को उकेरा गया व इस पंडाल को मनादर नगरी नाम दिया गया। देसूरी से पधारे विधिकारक मोतीलाल नाहर व उनकी टीम ने से पूजन विधि पूर्ण करवाई।

मंत्री जितेन्द्र भंसाली ने बताया कि नवकार महामन्त्र के साथ प्रारम्भ हुई विधि में सर्वप्रथम परमात्मा श्री शांतिनाथ भगवान का अभिषेक किया गया। महापूजन में आत्मरक्षा कवच के मंगल पाठ किए गए। सभी पूजन करने वालों को गुरुदेव की प्रतिमा और गुरुदेव के द्वारा सिद्ध यंत्रों से बना ताम्रपत्र प्रदान किया गया। केसर, चंदन, धूप, नैवेध, पुष्प व जल आदि से पूजन किया गया। प्रतिमा और यंत्र का विशेष औषधियों से पूजन किया गया। महापूजन के अंतिम चरण में श्री शांति गुरुदेव की 108 दीपकों से आरती की गई जिसका लाभ थानमल, पवनकुमार व प्रवीण बोथरा परिवार ने लिया। दिव्य महापूजन में साध्वी सौम्यप्रभा, साध्वी सौम्यदर्शना, साध्वी अक्षयदर्शना एवं साध्वी मृगावती का सान्निध्य रहा।

समिति के अभय सेठी ने बताया कि मुख्य पीठिका पर विनय-प्रेमदेवी कोचर और सुरेन्द्र-कुसुम जैन बद्धाणी आरूढ़ हुए। महापूजन में विनोद सेठिया, सुनील पारख, राहुल कोचर, सुरेन्द्र पारख, विनोद डागा ने भजनों की स्वरगंगा बहाई। शांति कलश का लाभ सुभाष सेठिया ने लिया। महापूजन में बीकानेर के अलावा मुम्बई, सूरत, अहमदाबाद, दिल्ली, भरतपुर, बैंगलोर व कोलकाता से गुरुभक्त पधारे। कार्यक्रम का संचालन हेमन्त सिंगी ने किया।

Ad Ad Ad Ad Ad Ad
Ad
- Advertisment -

Most Popular