







बीकानेर abhayindia.com प्राईवेट एज्यूकेशनल इंस्टीट्यूट्स प्रोसपैरिटी एलायंस (पैपा) ने शिक्षा विभाग से परीक्षाओं के लेकर मार्गदर्शन मांगा है।
पैपा के प्रतिनिधि मंडल ने शिक्षा निदेशक को इस संबंध में ज्ञापन सौंपा है। इसके जरिए जानना चाहा है कि दोहरे नामांकन वाले स्टूडेंट्स के प्रवेश के लिए सही नामांकन कौनासा होगा, परीक्षा में शामिल नहीं होने वाले विद्यार्थियों को प्रमोट कैसे करेंगे, उन बच्चों को कैसे पढ़ाया जाए, जिनके अभिभावक नहीं तो फीस दे रहे हैं और न ही अंडर टेकिंग दे रहे हैं।
शपथ पत्र के आधार पर हुए प्रवेशों की सक्षम स्तर पर जांच करने कक्षा 9 व 11 के लिए पोर्टल पुन: शुरू करने की मांग उठाई है। पैपा के प्रदेश समन्वयक गिरिराज खैरीवाल, अभिषेक आचार्य, कृष्ण कुमार स्वामी ने निदेशक को अवगत कराया कि राज्य में बहुत सी स्कूलों के दो-दो यू डाईस नंबर हैं।
कई स्कूल के दो-दो पी एस पी नंबर भी इस कारण से जनरेट हो गए। अब एकीकृत मान्यता प्रमाण पत्र के लिए पोर्टल पर सभी वांछनीय दस्तावेज स्केन करने हैं, तो यह समस्या सामने आना लाजिमी है। इसलिए इस समस्या का तुरंत समाधान होना अत्यंत ही आवश्यक है।
कोरोना संक्रमण के कारण 9 जनवरी को कक्षा 9 से 12 तक के लिए और 8 फरवरी से कक्षा 6 से 8 के लिए स्टूडेंट्स को स्कूल में आकर पढ़ाई की स्वीकृति दे दी गई। सरकारी दिशा-निर्देश के मुताबिक विद्यार्थियों और अभिभावकों की सहमति से ही स्कूल आएंगे। इस वजह से अटेंडेस का महत्व इस वर्ष शून्य हो गया है। कक्षा आठवीं तक के बच्चों को फेल नहीं किया जा सकता है, तो ऐसे स्टूडेंट्स यदि परीक्षाओं में भी सम्मिलित नहीं होते हैं तो, उन्हें अगली कक्षा में प्रविष्ट किया जाए या नहीं।
यदि इन में से कुछ स्टूडेंट्स बिना किसी सूचना के अन्य स्कूल में दाखिला ले चुके हैं तो उनका दोहरा नामांकन हो जाएगा। ऐसी स्थिति में संबंधित विद्यार्थियों का सही स्कूल कौनसा रहेगा? किस स्कूल में बच्चे को क्रमोन्नति दी जाएगी? यह सवाल बड़ी समस्या हैं।



