जयपुर Abhayindia.com चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री परसादी लाल मीणा ने आकस्मिक स्थितियों में बजट स्वीकृति में देरी होने की स्थिति में भी मेडिकल कॉलेजों एवं सम्बद्ध अस्पतालों में नियमित साफ-सफाई एवं अन्य व्यवस्थाओं को सुनिश्चित करने के लिए निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने निर्देश दिए कि मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य एवं सम्बद्ध अस्पतालों के अधीक्षक साफ-सफाई सहित मरम्मत एवं अन्य महत्वपूर्ण कार्य आरएमआरएस से स्वंय के स्तर पर करवा सकेंगे।
चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रमुख शासन सचिव टी. रविकांत ने बताया कि मेडिकल कॉलेज एवं चिकित्सालय भवनों के शौचालयों की साफ-सफाई एवं मरम्मत आदि कार्य कई बार आकस्मिक स्थितियों में वित्तीय संसाधनों की अनुपलब्धता या वित्तीय स्वीकृति में देरी के कारण अतिशीघ्र व समय पर पूरे नहीं हो पाते हैं। इस कारण रोगियों को परेशानी का सामना करना पड़ता है एवं संक्रमण का अंदेशा बना रहता है। इसी को ध्यान में रखते हुए चिकित्सा मंत्री के निर्देशानुसार मेडिकल कॉलेज एवं सम्बद्ध अस्पतालों में छोटे-मोटे उपकरण खरीद (प्रति 5 लाख की सीमा), शौचालयों एवं अन्य भवनों की साफ-सफाई, बैडशीट एवं मैट्रेस की व्यवस्था के लिए संबंधित प्राचार्य एवं अधीक्षक स्वयं की स्तर पर आरएमआरएस की कुल वार्षिक आय के 5 प्रतिशत तक (अधिकतम 50 लाख रुपये) की वित्तीय सीमा में कार्य एक वर्ष में करवा सकेंगे जिसकी कार्योत्तर स्वीकृति आरएमआरएस की आगामी बैठक में ली जाएगी।