







देहरादून। उत्तराखंड में ग्लेशियर टूटने से बहुत बड़ा हादसा हो गया। इसमें 170 लोगों की मौत की आशंका जताई जा रही है। आपको बता दें कि रविवार सुबह करीब 10:45 बजे राज्य के चमोली जिले के तपोवन में ग्लेशियर टूटकर ऋषिगंगा नदी में गिरा। इससे बेतहाशा बाढ़ की स्थिति पैदा हो गई और धौलीगंगा पर बन रहा बांध बह गया।
#WATCH| Uttarakhand: ITBP personnel approach the tunnel near Tapovan dam in Chamoli to rescue 16-17 people who are trapped.
(Video Source: ITBP) pic.twitter.com/DZ09zaubhz
— ANI (@ANI) February 7, 2021
तपोवन में एक प्राइवेट पावर कंपनी के ऋषिगंगा हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट और सरकारी कंपनी NTPC के प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है। आपदा में सबसे ज्यादा नुकसान यहीं हुआ है। ऋषिगंगा प्रोजेक्ट में काम कर रहे 15 से 20 मजदूर लापता बताए जा रहे हैं। प्रोजेक्ट साइट से तीन शव बरामद हुए हैं। इस बीच, मौके पर रेस्क्यू के लिए पहुंची ITBP की टीम ने तपोवन प्रोजेक्ट के पास टनल में फंसे सभी 16 लोगों को निकाल लिया है।
राहत की बात यह है कि पीपल कोटी से चमोली के बीच में अलकनंदा नदी का स्तर तो बढ़ा है, लेकिन नदी का क्षेत्र चौड़ा होने से बहाव सामान्य हो गया है। हादसे के बाद NDRF और ADIRF की टीमें मौके पर पहुंच कर बचाव कार्य कर रही हैं।
#WATCH | Water level in Dhauliganga river rises suddenly following avalanche near a power project at Raini village in Tapovan area of Chamoli district. #Uttarakhand pic.twitter.com/syiokujhns
— ANI (@ANI) February 7, 2021
ग्लेशियर टूटने से धौली नदी ने विकराल रूप ले लिया। देखते ही देखते नदी ने रास्ते में आने वाले हर अवरोध को पाटना शुरू कर दिया। ऋषिगंगा पॉवर प्रोजेक्ट साइट तक पहुंचते-पहुंचते नदी इतनी विकराल हो गई कि उसने पूरे बांध को ही बहा दिया। मौके पर मौजूद तमाम मशीनरी और लोग इसकी चपेट में आ गए।
इसके बाद हरकत में आए प्रशासन ने हरिद्वार तक अलर्ट किया और टिहरी बांध से भागीरथी में पानी का डिस्चार्ज बंद किया गया। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत मौके पर पहुंचे हैं और हालात की मॉनीटरिंग कर रहे हैं।
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