अबकी बार चातुर्मास 29 जून (गुरुवार) से आरंभ हो रहे हैं। इसी दिन देवशयनी एकादशी है। चार्तुमास 23 नवम्बर तक रहेगा। इस दौरान विवाह सहित अन्य मांगलिक कार्य नहीं हो सकेंगे। ज्योतिर्विदों के अनुसार, चातुर्मास के दौरान विवाह, वर वरण, कन्या वरण, उपनयन संस्कार, गृह प्रवेश, भगवान शिवजी को छोड़कर देव प्रतिष्ठा, महायज्ञ शुभारंभ, राज्याभिषेक जैसे कार्य निषेध होंगे। वहीं, कुछ कार्य ऐसे भी हैं जो इस दौरान किए जा सकते हैं। जैसे– पुंसवन, प्रसूति स्नान, नामकरण, अन्नप्राशसन, व्यापार, इष्टिका दहन किए जा सकते हैं। हिन्दू धर्म मान्यता के अनुसार, चातुर्मास में सृष्टि के पालनहार भगवान विष्णु क्षीरसागर में आाराम करते हैं।
आपको बता दें कि इस बार चातुर्मास चार महीने के बजाय पांच माह का होगा। भगवान शिव का प्रिय और पवित्र सावन माह भी अधिकमास के कारण दो माह का होगा। इस दौरान शिवालयों में ओम नम: शिवाय की गूंज सुनाई देगी। बड़ी संख्या में भक्तजन शिवालयों में दूध, जल आदि से अभिषेक करेंगे। मान्यता के अनुसार, सावन में शिव की आराधना से मनोकामनाएं पूरी होती है।
आपको यह भी बता दें कि चातुर्मास का धार्मिक के साथ–साथ वैज्ञानिक महत्व भी माना जाता है। इसके अनुसार, इस अवधि में बारिश के कारण हवा में नमी बढ़ती है। इससे बैक्टीरिया ज्यादा हो जाते हैं। जिससे संक्रामक रोग व अन्य बीमारियां होने का खतरा रहता है। ऐसे में खान–पान में विशेष सावधानी रखनी चाहिए।
शुक्र ग्रह 7 जुलाई को करेंगे सिंह राशि में गोचर, 3 राशियों के जातकों की होगी बल्ले-बल्ले
अबकी बार सावन के महीने में लगेगी खुशियों की झड़ी, इन 5 राशियों के लिए रहेगा खास…
बुधादित्य राजयोग 24 जून से, इन 5 राशि के जातकों के लिए साबित होगा बेहद शुभ
मंगल करेंगे सिंह राशि में प्रवेश, इन राशि के जातकों को मिलेंगे लाभ के कई अवसर…
राजस्थान में मौसम विभाग का ताजा अलर्ट : पूर्व में बरसेंगे बादल, पश्चिम तरसेगा
अभय इंडिया का 12वें वर्ष में प्रवेश : सामाजिक सरोकार की पत्रकारिता के 11 वर्ष पूर्ण