Saturday, May 18, 2024
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Bikaner Lockdown बाहर से आने वालों के लिए कलक्‍टर ने कहा- ऐसा करना होगा जरूरी….

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बीकानेर Abhayindia.com बीकानेर लॉकडाउन (Bikaner Lockdown) के दौरान जिले के बाहर से आने वाले प्रत्येक व्यक्ति को होम क्वैरंटाइन या स्टेट क्वॉरेंटाइन में रहना अनिवार्य होगा। जिला मजिस्ट्रेट कुमार पाल गौतम ने बताया कि होम क्वॉरेंटाइन रहने की स्थिति में बाहर से आने वाले व्यक्ति को 50 हजार रुपए का मुचलका (बंद पत्र) प्रस्तुत करना होगा। जिला मजिस्ट्रेट कुमार पाल गौतम द्वारा इस संबंध में एक आदेश जारी किया गया है। आदेश में स्पष्ट किया गया है कि जो भी व्यक्ति बाहर से आएगा और होम क्वॉरेंटाइन में रहने पर  50 हजार रूपए का एक  मुचलका (बंद पत्र) प्रस्तुत करना होगा। साथ ही परिवार के मुखिया को भी उसके होम क्वॉरेंटाइन में रहने का 50 हजार रुपए बंध पत्र देना होगा। वह एडवाइजरी की पालना करेगा, बंध पत्र में लिखा होगा कि मैं निर्धारित प्रोटोकॉल और निर्देश की पालना करूंगा।

जिला कलक्टर व जिला मजिस्ट्रेट कुमार पाल गौतम ने कहा कि कोरोना वायरस (कोविड-19) के चलते सभी अधिकारी यह सुनिश्चित कर लें कि जिले के अंदर तथा बाहर जाने के जो भी जो पास जारी किए जाते हैं, वह अनावश्यक जारी ना हो साथ ही आवश्यक होने पर इजाजत देने के पास जारी होने से किस भी स्थिति में रुकने नहीं चाहिए। मानवीय संवेदना को सर्वोच्च प्राथमिकता पर रखते हुए ऐसे पास की इजाजत जारी करने में जरा भी विलम्ब ना हो। विशेषकर जिसमें चिकित्सा सुविधा अथवा कोई सामाजिक संवेदना का कार्य के लिए अगर पास मांगा जाता है तो तत्काल जारी किया जाए।

गौतम गुरुवार को नगर विकास न्यास कार्यालय के सभागार में कोरोना वायरस के लिए बनाए विभिन्न प्रकोष्ठ के प्रभारी अधिकारियों की बैठक में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि कुछ लोगों द्वारा अपने परिजनों अथवा रिश्तेदारों की मृत्यु हो जाने पर पास की मांग की जाती है, ऐसे सामाजिक संवेदना के कार्य के लिए तत्काल पास जारी किए जाएं। संकट के इस दौर में जब दोहरी समस्या हो तो प्रशासन का यह कर्तव्य बनता है कि वह प्रशासनिक स्तर पर जो मदद दी जा सकती है, उसमें विलम्ब ना करें। उन्होंने कहा कि निषेधाज्ञा क्षेत्र और लॉकडाउन एरिया में मेडिकल स्टोर तथा चिकित्सा सुविधा बेहतर तरीके से चलती रहे इसका भी ध्यान रखा जाए। विशेषकर अगर चिकित्सक किसी बीमार को देखने जा रहा है या पैरामेडिकल स्टाफ द्वारा उसे चिकित्सकीय सहायता देने के लिए जाना है तो उसे जाने दिया जाए, मगर इस बात का भी ध्यान रखा जाए कि इस कार्य में किसी तरह की व्यवस्था ना बिगड़े व चिकित्सक तथा पैरामेडिकल स्टाफ ही आवश्यक होने पर ही निषेधाज्ञा क्षेत्र में आना-जाना कर सकें।

गौतम ने कहा कि निषेधाज्ञा क्षेत्र में दूध, फल व सब्जी सहित अन्य आवश्यक सामान की आपूर्ति में और गुणात्मक सुधार लाया जाए, इसके लिए सभी अधिकारी अपने अपने क्षेत्र में भ्रमण कर देखें कि जहां जिस सामान की मांग अधिक है, वहां उसकी वितरण व्यवस्था और बेहतर की जाए। उन्होंने कहा कि गौ-पालक जिस क्षेत्र में रहते हैं, वहां सभी सुविधाएं बेहतर तरीके से मिलती रहे। साथ ही उनके दूध की बिक्री स्थानीय उरमूल डेयरी अथवा अन्य निजी डेयरी पर करवाने के लिए भी सार्थक प्रयास किए जाएं। उन्होंने वर्तमान में राजकीय क्वॉरेंटाइन भवनों की स्थिति की भी समीक्षा की। वर्तमान में 162 लोग विभिन्न राजकीय क्वॉरेंटाइन में रह रहे हैं, इन सब को बेहतर सुविधा मिले इसके लिए मुख्य चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी भी लगातार भ्रमण करते रहें।

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