




जयपुर Abhayindia.com प्रदेश की गहलोत सरकार इन दिनों हिंसा और सांप्रदायिक तनाव की बढ़ रही घटनाओं को लेकर चिंतित है, लेकिन इस बीच अपनी ही पार्टी के विधायकों के कारनामों ने उसकी चिंताओं में और इजाफा कर दिया है। एक के बाद एक लगातार सत्तारूढ़ कांग्रेस के विधायक विवादों में घिर रहे हैं। इसी मार्च महीने से लेकर अब तक कांग्रेस के 3 विधायकों पर अलग–अलग मामलों में मुकदमे दर्ज हो चुके हैं। इसी क्रम में ताजा मामला कांग्रेस विधायक गणेश घोगरा का सामने आया है।
डूंगरपुर से कांग्रेस विधायक और युवा कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष गणेश घोगरा पर मंगलवार को डूंगरपुर की सुरपुर पंचायत में प्रशासन गांवों के संग अभियान के दौरान एसडीम सहित विभिन्न अधिकारियों को पंचायत भवन में बंधक बनाने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। गणेश घोघरा के समर्थकों पर भी एफआईआर दर्ज हुई है। डूंगरपुर के तहसीलदार ने विधायक पर गैरकानूनी तरीके से काम कराने और बंधक बनाने का मुकदमा दर्ज करवाया था। ऐसा पहली बार नहीं है जब गणेश घोगरा विवादों में आए हों, इससे पहले भी वह अपने विवादित बयानों के चलते सुर्खियों में रहे हैं। आपको बता दें कि इससे पहले नावां से कांग्रेस विधायक और विधानसभा में उपमुख्य सचेतक महेंद्र चौधरी पर भी हाल ही में जयपाल सिंह पूनिया हत्याकांड मामले में मुकदमा दर्ज कराया गया था। इस मामले को लेकर सियासत भी तेज है। नागौर से रालोपा सांसद हनुमान बेनीवाल ने महेंद्र चौधरी की गिरफ्तारी की मांग लेकर जयपुर कूच किया था। पुलिस ने भी इस मामले में महेंद्र चौधरी के भाई समेत 5 लोगों को गिरफ्तार किया है और इस पूरे प्रकरण की जांच के लिए एसआईटी गठित की है। महेंद्र चौधरी को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का बेहद करीबी माना जाता है। महेंद्र चौधरी पर दर्ज एफआईआर के बाद विपक्ष लगातार सरकार पर हमलावर है।





