श्रीनगर। कश्मीर के पुलवामा में आतंकियों ने जम्मू से श्रीनगर जा रही सीआरपीएफ की 70 गाडिय़ों के काफिले पर फिदायीन हमला कर दिया। हमले में 30 जवान शहीद हो गए, जबकि कई जख्मी हैं। काफिले में 2500 जवान शामिल थे। आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है।
जैश के आतंकी आदिल अहमद उर्फ वकास कमांडो ने दोपहर 3.15 बजे यह फिदायीन हमला किया। उसने एक गाड़ी में विस्फोटक भर रखे थे, जैसे ही सीआरपीएफ का काफिला लेथपोरा से गुजरा, आतंकी ने अपनी गाड़ी जवानों से भरी बस से टकरा दी। आपको बता दें कि इससे पहले अक्टूबर 2001 में कश्मीर विधानसभा और जनवरी 2004 में सुरक्षा बलों के काफिले पर भी इसी तरह हमला हुआ था। इस कायरना हमले के बाद पीएम नरेन्द्र मोदी ने कहा कि पुलवामा में सीआरपीएफ जवानों पर हमला घृणित है। जवानों की शहादत बेकार नहीं जाएगी। पूरा देश जवानों के परिवार के साथ खड़ा है।
सेना के एक अधिकारी के मुताबिक काफिला सुबह 3.30 बजे जम्मू से रवाना हुआ था, जिसे शाम होने से पहले श्रीनगर पहुंचना था। घाटी लौटने वाले जवानों की संख्या ज्यादा थी। आमतौर पर ऐसे काफिलों में एक बार में लगभग १००० जवान होते हैं, लेकिन इस बार इनकी संख्या 2547 थी। काफिले में रोड ओपनिंग पार्टी और बख्तरबंद आतंकरोधी गाडिय़ां भी शािमल थीं। जिस बस को हमले के लिए निशाना बनाया गया, वह 76वीं बटालियन की थी और इसमें 39 जवान सवार थे।