








खबर का असर…
बीकानेर.जयपुरAbhayindia.com जयपुर के अंबाबाड़ी स्थित सेंट्रल एकडेमी स्कूल प्रबंधन ने बकाया फीस के कारण कक्षा 12 के जिस छात्र प्रियांशु शर्मा को परीक्षा में जाने से साफ इनकार कर दिया था, उसकी गुहार आखिर सुन ली गई माध्यम बनी अभिभावक एकता आंदोलन। गौरतलब है कि अभिभावक एकता आंदोलन की बात को अभय इंडिया ने भी पूरजोर ढंग से उठाया था।
अभिभावक हेल्पलाइन बनी मददगार…
प्रियांशु शर्मा के माता पिता का देहांत होने के बाद वह अपनी चाची सपना शर्मा के साथ रहता है जिसे स्कूल में बोर्ड परीक्षा प्रवेश पत्र देने से यह कहकर इंकार कर दिया कि पूरी फीस जमा कराएं इसकी शिकायत सपना शर्मा ने अभिभावक आंदोलन के प्रदेश संयोजक मनीष विजयवर्गीय को हेल्पलाइन पर दर्ज कराई तो विजयवर्गीय ने तुरंत संज्ञान लेते हुए मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी सुभाष यादव, जिला शिक्षा अधिकारी रविंद्र कुमार, बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष संगीता बेनीवाल को सूचित करते हुए बुधवार को शिक्षा मंत्री बी डी कल्ला से मुलाकात कर सेंट्रल एकेडेमी अंबाबाड़ी सहित जयपुर के रुक्मणी बिड़ला, सैंट एंसेल्म नॉर्थ सिटी, माहेश्वरी इंटरनेशनल स्कूल, कोटा के सोफिया, स्प्रिगडेल्स ब्यावर के सेंट पॉल एवं अजमेर के सोफिया स्कूल की ओर से सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की खुली अवमानना करते हुए बकाया फीस के कारण बच्चों को ऑनलाइन कक्षाओं से निष्कासित कर मानसिक प्रताडऩा देने व परीक्षाओं से रोके जाने की पूरी जानकारी देते हुए इनकी मान्यता रद्द की जाने की मांग है पीडि़तों को राहत पहुंचाने के लिए शासकीय कार्यवाही का निवेदन किया।
तुरंत दिए निर्देश…
विजयवर्गीय की ओर से मामले की जानकारी मिलते ही शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला ने तुरंत जिला शिक्षा अधिकारी रविंद्र कुमार को कार्रवाई के निर्देश जारी किए। इसके बाद देर शाम विभाग की ओर से स्कूल को आदेश जारी किए गए कि प्रियांशु शर्मा को किसी भी सूरत में परीक्षा से वंचित नहीं किया जाए इसके बाद प्रियांशु परीक्षा दे पाया।
अभिभावकों में जागी उम्मीद …
अभिभावक आंदोलन के मीडिया को-ऑर्डिनेटर हरिओम सिंह चौधरी व दौलत तिलोकानी ने बताया कि स्कूल से परीक्षा देकर बाहर आते ही विद्यार्थी प्रियांक शर्मा के साथ आंदोलन के संयोजक मनीष विजयवर्गीय ने शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला, जिला शिक्षा अधिकारी रविंद्र कुमार का अभार जताया।
मीडिया का धन्यवाद…
विजयवर्गीय ने कहा कि लोकतंत्र के चौथे स्तंभ का दिल से आभार जिन्होंने प्रदेश के डेढ़ करोड़ विद्यार्थियों एवं अभिभावकों की आवाज को उठाया।





