








बीकानेरabhayindia.com दानदाताओं के सहयोग सरकारी विद्यालयों की तस्वीर बदलेगी। इन विद्यालयों के लिए दानदाताओं की ओर से निर्माण एवं अन्य कार्य स्वयं के स्तर पर कराए जाने के संबंध में प्राप्त हल्दीराम एज्यूकेशनल सोसायटी, दिल्ली के प्रस्ताव पर चर्चा के लिए प्रमुख शासन सचिव, वित्त की अध्यक्षता में मुख्य शासन सचिवालय भवन में बुधवार को बैठक रखी गई, इसमें शिक्षा निदेशक कानाराम दिलीप परिहार, सहायक निदेशक,रश्मि शर्मा आई.ए.एस. राज्य परियोजना निदेशक, समसा जयपुर, हेमपुष्प शर्मा, संयुक्त शासन सचिव, वित्त विभाग एवं अन्य वित्त विभाग के उच्चाधिकारियों के साथ हल्दीराम एज्यूकेशनल सोसायटी के प्रतिनिधि रमेश कुमार अग्रवाल ने प्रस्ताव पर चर्चा की।
प्रमुख शासन सचिव अखिल अरोड़ा, ने प्रस्ताव के संबंध में अधिकारियों एवं ट्रस्ट के प्रतिनिधि से चर्चा के बाद वित्त विभाग की ओर से भामाशाहों, दानदाताओं के लिए विभागीय नियम में प्रावधान करने के लिए तुरन्त ही विभागीय अधिकारियों एवं शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारियों को प्रस्ताव प्रारूप बनाने के लिए कहा। साथ ही भामाशाहों के इस तरह के प्रस्ताव जिसमें 50 प्रतिशत राशि दानदाता एवं 50 प्रतिशत राशि राज्य सरकार की ओर से स्वीकृति के बाद निर्माण की अनुमति भामाशाह की मंशानुसार स्वयं को करने के लिए स्थाई प्रावधान करने के लिए सहमति बनी। हल्दीराम एज्यूकेशनल सोसायटी के प्रस्ताव को पायलट प्रोजेक्ट के रूप स्वीकार करते हुए प्रस्ताव तैयार करने के लिए कहा। रमेश कुमार अग्रवाल, प्रतिनिधि हल्दीराम एज्युकेशनल सोसायटी ने भामाशाहों के लिए वित्त विभाग एवं शिक्षा विभाग द्वारा प्रस्तावों में नियमों के सरलीकरण की बात रखी जिसमें दानदाताओं,भामाशाहों की विभागीय,सरकारी तंत्र के किसी प्रकार की परेशानी का सामना नहीं करना पड़े।
मनोहर लाल अग्रवाल, अध्यक्ष हल्दीराम एज्युकेशनल सोसायटी की ओर से शिक्षा मंत्री से दूरभाष पर वार्ता करते हुए उक्त प्रस्ताव के लिए आभार जताया। उक्त प्रस्ताव के प्रावधान किए जाने पर भामाशाहों एवं राज्य सरकार के साझा प्रयास से राजकीय विद्यालयों के गुणवत्तापूर्ण एवं भौतिक विकास की रफ्तार तेज होगी। जिससे मुख्यमंत्री की मंशानुसार राजस्थान राज्य शिक्षा के क्षेत्र में देश में अग्रणी स्थान प्राप्त करने में सफल होगा। शिक्षा मंत्री डॉ.बीडी कल्ला ने कहा कि भामाशाहों के सहयोग से राजकीय विद्यालयों का कायाकल्प होगा।





