बीकानेर Abhayindia.com साध्वीश्री मृगावती, सुरप्रियाश्री व नित्योदयाश्री के सान्निध्य में बुधवार को रांगड़ी चौक के सुगनजी महाराज के उपासरे में 11 व 8 दिन की तपस्या करने वाली सुधा भंसाली व आकांक्षा बैद तथा सौभाग्य कल्पवृक्ष तपस्वियों का अभिनंदन श्री सुगनजी महाराज का उपासरा ट्रस्ट व चातुर्मास व्यवस्था समिति व गुरु भक्त मंडल, की ओर से अभिनंदन किया गया। दोनों तपस्वी भगवान आदिनाथ आदि विभिन्न मंदिरों में गाजे-बाजे के साथ उपासरे पहुंचीं थी।
साध्वीश्री मृगावती ने गुरुवार को प्रवचन में कहा कि उच्च मनोबल, देव, गुरु व धर्म के प्रति आस्था व विश्वास से तपस्या का पुण्य मिलता है। तपस्या के दौरान संकल्प के साथ साधना, आराधना व भक्ति करते हुए अपने आत्म व परमात्म स्वरूप् को पहचाने के लिए पुरुषार्थ व प्रयास करें। तपस्वी परिजनों की ओर से प्रवचन सुनने आए श्रावक-श्राविकाओं को श्रीफल से अभिनंदन किया गया।
साध्वीश्री मृगावतीजी ने रक्षा बंधन पर्व के पौराणिक, आध्यात्मिक, धार्मिक व सामाजिक विशिष्टताओं से अवगत करवाया। उन्होंने कहा कि भाई-बहिन अपने सभी मन मुटाव, भेदभाव, कमी को दूर करते हुए पर्व को स्नेह, आत्मीयता, प्रेम, सौहार्द, वात्सल्य से बनाएं। शांति स्नात्र पूजा के एक दोहे को सुनाते हुए उन्होंने कहा रक्षा बंधन के दिन प्राणी मात्र के प्रति मैत्री भाव रखें तथा जीवों को अभयदान दें। अभक्ष्य भोजन व अन्य सामग्री का उपयोग नहीं करें। खान-पान, साधना-आराधना व भक्ति में विवेक, अहिंसा व करुणा का ध्यान रखें व पाप बंधनों से बचें। शील, सदाचार ब्रह्मचर्य की रक्षा करें।