








जयपुर Abhayindia.com प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से अपील करते हुए कहा है कि हमने पहले भी प्रधानमंत्री से मांग की थी और अब भी कर रहे हैं कि प्रधानमंत्री को आगे आकर राष्ट्र के नाम संबोधन देना चाहिए कि मैं हिंसा को बर्दाश्त नहीं करूंगा, लेकिन पता नहीं प्रधानमंत्री क्यों नहीं बोलते हैं।
गहलोत ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने पहले कार्यकाल में जब लिंचिंग पर कहा था कि लिंचिंग करने वाले असामाजिक तत्व है तब देश भर में उनके बयान की तारीफ हुई थी। सोनिया गांधी सहित 15 विपक्षी पार्टियों ने प्रधानमंत्री मोदी से राष्ट्र के नाम संबोधन देने की मांग की है लेकिन प्रधानमंत्री चुप्पी साधे हुए हैं। गहलोत ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एनजीओ सिविल सोसाइटी को समझना चाहिए। प्रधानमंत्री एनजीओ और सिविल सोसाइटी से प्यार करेंगे तो उन्हें आनंद की अनुभूति होगी। सिविल सोसाइटी और एनजीओ आलोचना करते हैं तो उसे स्वीकार भी करना चाहिए। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि आज देश में धर्म की राजनीति हो गई है, अगर पूरी दुनिया में ही एक धर्म की राजनीति होने लगेगी तो विश्व का क्या हाल होगा। मेरे जैसे करोड़ों लोग इसी चिंता में रहते हैं।
उन्होंने कहा कि आज देश में संविधान और लोकतंत्र की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। जांच एजेंसियों का दुरुपयोग किया जा रहा है। गहलोत ने कहा कि हाल ही में दिल्ली के कांग्रेस दफ्तर में मैंने ई डी को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस की। आधे घंटे के बाद ही सुप्रीम कोर्ट का फैसला आ गया कि ईडी के अधिकार बरकार रखे गए हैं। ईडी को पुलिस और सीबीआई से ज्यादा पावर दे दी गई, ईडी जब चाहे तब बिना वारंट के किसी को गिरफ्तार करने पहुंच जाएगी। जिस तरह से देश में लोकतंत्र और संविधान की धज्जियां उड़ाई जा रही है उससे पता नहीं कि देश किस दिशा में जा रहा है।





