सुरेश बोड़ा/बीकानेर (अभय इंडिया न्यूज)। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष अशोक परनामी के आगामी 22 से 24 मार्च को बीकानेर दौरे के मद्देनजर स्थानीय असंतुष्ट भाजपाई कार्यकर्ताओं ने अभी से बाहें चढ़ा ली है। संभवत: वे अपनी भड़ास प्रदेशाध्यक्ष के सामने निकाल सकते हैं। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष आगामी विधानसभा चुनावों की तैयारी के मद्देनजर बीकानेर आ रहे हैं। संगठन को चुस्त-दुरुस्त करने के लिहाज से हो रहे इस दौरे के दौरान पार्टी के कार्यकर्ताओं को अपने मन की बात कहने का मौका मिल सकता है।
यह बात किसी से छिपी हुई नहीं है कि भाजपा के स्थानीय नेता और कार्यकर्ता अलग-अलग खेमों में बंटे हुए हैं। यही वजह है कि स्थानीय मुद्दों को लेकर कभी भी ये नेता राजधानी स्तर तक कभी एकस्वर में नहीं बोल पाए हैं। इसका खामियाजा भी पार्टी को भुगतना पड़ सकता है, ऐसी आशंकाएं हर कार्यकर्ता भांप चुका है। ऐसे हालात में पार्टी के प्रदेश मुखिया के बीकानेर आने पर उन्हें गुटवार कार्यकर्ताओं का सामना पड़ेगा और कुछ खरी-खरी भी सुननी पड़ेगी। बहरहाल, देहात और शहर भाजपा प्रदेश मुख्यालय की ओर से मिले टास्क के अनुसार तैयारियों में जुट गया है। पार्टी सूत्रों की मानें तो स्थानीय संगठन को जिले की सातों विधानसभा क्षेत्रों के जातीय समीकरण जुटाने का फरमान दिया गया है। इसे देखते हुए संगठन के विश्लेषक आंकड़े संग्रहित करने में जुट भी गए हैं। दूसरी तरफ, स्थानीय संगठन, नगर निगम की कार्यप्रणाली से असंतुष्ट नेताओं और कार्यकर्ताओं ने भी प्रदेशाध्यक्ष परनामी के समक्ष अपनी बात रखने के लिए अभी से कमर कस ली है। हालांकि संगठन से जुड़े पदाधिकारी इस स्थिति को भांपते हुए डेमेज कंट्रोल की पूरी कोशिश कर रहे हैं, लेकिन असंतुष्ट लॉबी इस सुनहरे मौके को गंवाना नहीं चाह रही।
बहरहाल, प्रदेशाध्यक्ष परनामी के तीन दिवसीय दौरे का अधिकृत कार्यक्रम हालांकि सार्वजनिक नहीं हुआ है, लेकिन पदाधिकारियों के हवाले से आ रही सूचनाओं के अनुसार परनामी बीकानेर में सातों विधानसभा क्षेत्रों की अलग-अलग बैठकें करेंगे। इनमें चार दर्जन से ज्यादा पार्टी के नेता व पदाधिकारी शामिल होंगे। सभी से आगामी चुनाव के मद्देनजर फीडबैक लिया जाएगा। बैठकों में खासतौर से बीकानेर की जन समस्याओं से जुड़े मुद्दों पर फोकस रहेगा। पार्टी के प्रदेश मुख्यालय से अभी तक मिले निर्देशों के अनुसार शहर भाजपा अध्यक्ष सत्यप्रकाश आचार्य तथा देहात अध्यक्ष सहीराम दुसाद ने अपनी-अपनी कार्यकारिणी के पदाधिकारियों को अवगत कराना शुरू कर दिया है। साथ ही उन्हें अलग-अलग जिम्मेदारियां सौंपने का सिलसिला भी तेज कर दिया है।