Sunday, November 24, 2024
Homeबीकानेरजोशीजी की दूरदर्शी सोच का प्रतीक बिनानी कन्या महाविद्यालय

जोशीजी की दूरदर्शी सोच का प्रतीक बिनानी कन्या महाविद्यालय

Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad

बीकानेर (अभय इंडिया न्यूज)। बिनानी कन्या महाविद्यालय की शीर्ष संस्था राजस्थानी युवक परिषद के पूर्व सचिव स्व. प्रेमरतन जोशी की 24वीं पुण्य तिथि को ‘संकल्प दिवस’ के रूप में मनाया गया। इस अवसर पर महाविद्यालय प्रबंध समिति सचिव गौरी शंकर व्यास, प्राचार्या डाँ. चित्रा पंचारिया प्रवक्ता और छात्राएँ मौजूद थी। कार्यक्रम की शुरूआत स्व. प्रेमरतन जोशी के छाया चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन व पुष्प सुमन अर्पित करके हुई।

बीकानेर के बिनानी कन्या कॉलेज में गायन की प्रस्तुति देती छात्राएं।
बीकानेर के बिनानी कन्या कॉलेज में गायन की प्रस्तुति देती छात्राएं।

स्व. जोशी का स्मरण करते हुए सचिव गौरी शंकर व्यास ने कहा कि महिलाओं के लिए शहर के अंदरूनी क्षेत्र में उच्च शिक्षा के केन्द्र के रूप में इस महाविद्यालय के निर्माण में जोशीजी का अग्रणी योगदान था। वे इतने दूरदर्शी प्रकृति के थे कि उन्होंने इस बात को बहुत गहराई से समझा कि भविष्य में यदि महिलाओं की समस्याओं का समाधान किसी भी तरीके से किया जा सकता है तो वह तरीका शिक्षा के अतिरिक्त अन्य कुछ भीं नहीं हो सकता। एक शिक्षित नारी ही स्वावलंबी बन सकती है वह तभी अपने पैरों पर खड़ी हो सकती है, इसलिए शिक्षा से उसे वंचित रखना उसके उत्थान के मार्ग में बाधक बनना है।

कार्यक्रम के दौरान संगीत विभाग की छात्राओं ने विभागाध्यक्ष डाँ. सीमा भट्ट व तबला वादक कैलाश के निर्देशन में ‘यह मत कहो खुदा से मेरी मुश्किलें बड़ी है…, उन मुश्किलों से कह दो मेरा खुदा बड़ा है…।’ की सस्वर प्रस्तुति दी।

इस अवसर पर अग्रेजी प्रवक्ता गजानन्द व्यास व कम्प्यूटर प्रवक्ता मुकेश बोहरा ने भी अपने विचार रखे। प्राचार्या डॉ. चित्रा पंचारिया ने कहा कि जोशीजी के चरित्र से हमें यह प्रेरणा लेनी चाहिए कि हम कर्तव्यनिष्ठ, मनोयोगी और संकल्पबद्ध बनें। हम लक्ष्य का निर्धारण करें और लक्ष्य की प्राप्ति में आने वाली कठिनाईयों का साहस से सामना करें।

Ad Ad Ad Ad Ad Ad
Ad
- Advertisment -

Most Popular