








बीकानेर abhayindia.com पूर्व मंत्री देवी सिंह भाटी की ओर से गोचर बचाने के लिए दिया जा रहा धरना शुक्रवार को 44 वें दिन भी जारी रहा। धरना स्थल पर शहरी व ग्रामीण क्षेत्र से गो भक्त लगातार धरना स्थल पर जुट रहे हैं।
वहीं गीतासार व गो कथा की पूर्णाहुति हुई। इस अवसर पर यज्ञ में श्रद्धालुओं ने आहुतियां दी। कथा वाचन बालसंत छैल बिहारी ने किया था। इस दौरान धरना स्थल गो माता के जयकरों से गूंज उठा।
भाटी के प्रवक्ता सुनील बांठिया के अनुसार दुर्गादेवी हुलासचंद दम्पति ने कथा की पूजा कराई। बाल संत छैल बिहारी ने कहा कि गो रक्षा और सनातन धर्म का पालन करना मनुष्य मात्र का कर्तव्य हैं । बाल संत ने कहा कि भारत की सुख – समृद्धि गो और उसकी संतान की समृद्धि के साथ जुड़ी हुई है लेकिन सरकारों में बैठे लोग इस बात को भूल जाते है जिसका नतीजा गौ माता व गो भक्तों को भुगतना पड़ता है।
सरकार ने गोचर भूमि पर हुए अतिक्रमणों को पट्टे देने का आदेश जारी कर पाप कर्म किया है इसका प्रायश्चित यही है कि वो समय रहते अपने ये आदेश वापिस लें व गो व गोचर संवर्धन के लिए जरूरी कदम उठाएं। आज डेढ माह से अधिक समय बीत चुका है, इसमें भाटी और अन्य गो भक्त उसी उत्साह और जोश के साथ बैठे है ।
इस दौरान धरना स्थल हुए यज्ञ की पुर्णाहुति देवी सिंह भाटी ने कराई। पंडित शास्त्री रवि सारस्वत के आचार्यत्व में हुए यज्ञ के दौरान मन्नू महाराज व छैल बिहारी महाराज ने मंत्रोचार किया। इस दौरान पवन जोशी, सुजानसिंह सोढ़ा, गोकुल ज्योतिषाचार्य पं. राजेन्द्र किराड़ू, आत्माराम तर्ड, धर्माराम गौदारा,ख्यालीराम बिश्नोई, जीवणराम, सत्यवीरसिंह शेखावत, गिरिराज पारीक सहित गणमान्य लोगों ने भागीदारी निभाई। धरना स्थल पर रामकिशन आचार्य, देवकिशन चांड़क, सुनील बांठियां आदि ने साधु-संतों का अभिनंदन किया।





