








बीकानेर Abhayindia.com कहते है चिकित्सा विज्ञान असंभव से दिखने वाले मर्ज का उपचार भी संभव हो सकता है। ऐसा करिश्मा कर दिखाया है बीकानेर के मारवाड़ अस्पताल के डॉ. गौरव गोम्बर और उनकी टीम ने। चिकित्सकों ने अत्यन्त समय पूर्व (24 सप्ताह) और महज 630 ग्राम के शिशु का सफल उपचार किया है।
चिकित्सकों के अनुसार शिशु का जन्म एक जुलाई को हुआ था, इसके फेफड़ों में सरफेल्टेबल इंजेक्शन डालकर करीब साढ़े तीन माह से अधिक तक वेन्टिलेटर पर रखा और फिर उससे हटाकर हाईफ्लो-02 पर रखा गया। इसके बाद एनआईसीयू में गहन मॉनिटरिंग में रखा गया। जहां पर आवश्यक दवाइयां सहित अन्य उपचार दिए गए। डॉ. गोम्बर के अनुसार उनकी सक्षम टीम जिसमें डॉ. प्रताप सिंह, डॉ. हरिकिशन सुथार ने जयपुर से विशेष पीआईसीसी एलआईएनई मंगवा ली, इससे नवजात शिशु को बचाने में टीम सफल रही। शिशु का छह माह उपचार करने के बाद उसे मारवाड़ अस्पताल से छुट्टी दी गई।





