Thursday, May 9, 2024
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बिना पिता की संतान को परीक्षा में बिठाने से किया इंकार, अभिभावक एकता संघ ने जताया रोष, मान्यता रद्द करने की उठाई मांग…

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बीकानेर Abhayindia.com  प्रदेश के अधिकांश निजी स्कूल राज्य सरकार की नई गाइडलाइन की पालना नहीं कर रहे है। अभिभावक एकता संघ ने निजी स्कूल संचालकों पर आरोप लगाते हुए उचित कार्रवाई की बात उठाई है। संघ संयोजक मनीष विजयवर्गीय ने रोष जताते हुए कहा है कि आर्थिक समस्याओं से जूझते अभिभावकों के बच्चों को बकाया फीस के कारण ऑनलाइन कक्षाओं से वंचित कर देने के साथ अब बोर्ड की परीक्षाओं से वंचित किए जाने के मामले भी बड़ी संख्या में अभिभावक हेल्पलाइन 9309333662 पर दर्ज हो रहे हैं।

इन स्कूलों की मान्यता रद्द हो…

विजयवर्गीय के अनुसार जयपुर के अंबाबाड़ी स्थित सेंट्रल एकेडमी स्कूल ने तो मानवता को शर्मसार करते हुए कक्षा 12 के छात्र प्रियांशु शर्मा जिसके की पिता का देहांत भी हो चुका है उसे बकाया फीस के कारण परीक्षा देने से रोक दिया है, इसकी जानकारी अभिभावक हेल्पलाइन पर दर्ज होने पर आंदोलन के संयोजक मनीष विजयवर्गीय ने प्राथमिक शिक्षा निदेशक कानाराम, अतिरिक्त निदेशक घनश्याम दत्त जाट, मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी सुभाष यादव एवं जिला शिक्षा अधिकारी रविंद्र कुमार को शिकायत करते हुए, विद्यार्थी को परीक्षा में बैठने की इजाजत के साथ आगामी सत्र के लिए स्कूल की मान्यता रद्द करने की मांग की है।

जांच अधिकारी से अभद्रता…

अभिभावक की शिकायत पर शिक्षा विभाग की ओर से नियुक्त जांच अधिकारी राजकीय विद्यालय मुरलीपुरा की प्राचार्य ओम कुमार राठौड़ ने जांच के बाद रिपोर्ट में लिखा है कि स्कूल की प्राचार्य की ओर से जांच में सहयोग नहीं किया गया, अभद्रता पूर्ण व्यवहार किया गया, वह विद्यार्थी की बकाया फीस जमा हुए बिना परीक्षा प्रवेश पत्र जारी करने से इंकार कर दिया।

विजयवर्गीय ने बताया कि बकाया फीस के कारण ऑनलाइन कक्षाओं से वंचित किए जाने परीक्षाओं से रोके जाने आदि की कई शिकायतें जयपुर के सेंट्रल एकेडमी, रुक्मणी बिरला, सैंट एंसेल्म नॉर्थ सिटी, कोटा व अजमेर के सोफिया स्कूल, ब्यावर के सेंट पॉल स्कूल के अभिभावकों ने हेल्पलाइन पर दर्ज कराई है।

प्रदेश के कई स्कूल न्यायालय के आदेश की अवमानना कर रहे हैं सरकार उन आदेशों को लागू करवाने में पूरी तरह विफल रही है। अभिभावक एकता संघ ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला के साथ बाल आयोग की अध्यक्षता संगीता बेनीवाल से मांग की है कि मासूम विद्यार्थियों को मानसिक प्रताडऩा देने वाले निजी स्कूलों की तानाशाही पर तुरंत रोक लगाई जाए और शिक्षा सेवा के क्षेत्र को व्यापार बनाने वाले असंवेदनशील स्कूलों की मान्यता रद्द की जाए

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