Saturday, May 4, 2024
Hometrendingबीकानेर नगर निगम चुनाव परिणाम : ’अपनों’ ने ही लुटा दी ’कांग्रेस की लंका’

बीकानेर नगर निगम चुनाव परिणाम : ’अपनों’ ने ही लुटा दी ’कांग्रेस की लंका’

Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad

बीकानेर abhayindia.com बीकानेर नगर निगम चुनावों में प्रचण्ड लहर के बावजूद कांग्रेस को भारी शिकस्त खानी पड़ी है। यहां कांग्रेस की जीत का परचम फहराने के लिये कैबिनेट मंत्री डॉ. बी. डी. कल्ला और कन्हैयालाल झंवर ने मजबूती से मोर्चा संभाल रखा था, लेकिन पार्टी टिकट के बंटवारे को लेकर उपजे माहौल के बाद कांग्रेस के विरोध में जुटे विरोधी लॉबी के कांग्रेसियों की भीतरघात कारण पार्टी यहां जीती बाजी हार गई।

बहरहालभाजपा नगर निगम बोर्ड पर कब्जा कायम करने के करीब पहुंच गई है। इसके साथ ही केन्‍द्रीय राज्‍यमंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने एक बार पिफर अपनी सूझ-बूझ का परिचय दे दिया है। इधरकांग्रेस के प्रमुख रणनीतिकार डॉ. बीडी कल्लाकन्हैयालाल झंवर और उनकी लॉबी से जुड़े नेताओं को फजीहत का सामना भी करना पड़ रहा हैलेकिन एक बात साफतौर पर जाहिर हो गई कि बीकानेर कांग्रेस की लंका किसी गैर ने नहीं, बल्कि कांग्रेसियों ने ही लुटवाई है।

बीकानेर: 80 वार्डों में प्रत्याशियों के बीच जीत-हार का रहा यह अंतर, देखें सूची

जानकारी में रहे कि नगर निगम के अस्सी वार्डो के लिये हुए चुनावों में भाजपा के 38 तथा कांग्रेस के 30 प्रत्याशियों ने जीत दर्ज कराई हैवहीं 11 वार्डो में निर्दलीय और 1 वार्ड में कांग्रेस की बागी बनकर बसपा से मैदान में उतरी प्रत्याशी ने जीत का परचम फहराया है। सियासी विश्‍लेषकों की मानें तो प्रदेश में सत्तारूढ होने के कारण बीकानेर निकाय चुनावों में कांग्रेस की बड़ी जीत तय मानी जा रही थी। इसके लिए पार्टी ने हर वार्ड में अपने मजबूत और कृतव्यनिष्ठ कार्यकर्ताओं को टिकट देकर मैदान में उतारालेकिन विरोधी लॉबी के कांग्रेसियों ने आधे से ज्यादा वार्डो में पार्टी प्रत्याशियों के खिलाफ बागी उम्मीदवार उतार दिएबागियों के कारण बिगड़े चुनावी समीकरणों से करीब 25 वार्डो में कांग्रेस को भाजपा और निर्दलीयों से शिकस्त खानी पड़ी।

बीकानेर नगर निगम चुनाव : अर्जुन का चला तीर, भाजपा बहुमत के करीब, बागी-निर्दलीय…

आपको बता दें कि कई वार्डो में पार्टी के बागी उम्मीदवारों के साथ कांग्रेस के नामी चेहरे खुलकर प्रचार में जुटे हुए थेवहीं अनेक वार्डो में अंदरखाने कांग्रेस प्रत्याशी की जड़े कमजोर करने में जुटे रहे। हालांकि भीतरघात भाजपा में भी कम नहीं था, लेकिन भाजपा के खेमे के कुछेक नेताओं और पदाधिकारियों ने पार्टी प्रत्याशियों के खिलाफ मोर्चा संभाल रखा था।

Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad
Ad
- Advertisment -

Most Popular