Sunday, May 19, 2024
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Bikaner Lockdown : सातवें दिन भी हमारा बीकानेर सेफ, अब इनसे लग रहा डर ….

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बीकानेर abhayindia.com कोरोना की आपदा के दौर में जिला प्रशासन की ओर से किये गये बेहतर बंदोबश्तों तथा चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग टीमों की सतर्कता से लॉकडाउन के सातवें दिन तक हमारा बीकानेर जानलेवा महामारी के संक्रमण से पूरी तरह सुरक्षित है।

खबर यह भी मिल रही है कि फिलहाल बीकानेर सेफ जोन के रूप में चिन्हित है, अगर हमनें थोड़े दिन और लॉकडाउन की एडवाइजरी और सोशल डिस्टेंस का पालन किया तो इसके उत्साही परिणाम सामने आयेगें। इस बीच खबर है आई कि सेफ जोन की कदम बढा रहे बीकानेर में कई बाहरी लोगों का आवागमन शुरू हो गया है, इनमें कई लोग ऐसे भी है जो काम धंधे के सिलसिले में देश प्रदेश में दूसरें शहरों में चले गये थे जो अब चोरी-छूपे लौटने लगे है। इन लोगों की दस्तक बीकानेर को संक्रमण की सौगात दे सकती है।

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जिले के ग्रामीण अंचलों में ऐसे लोगों की संख्या ज्यादा बताई जाती है। इनमें महाराष्ट्र व गुजरात से आने वालों की संख्या सबसे ज्यादा है। जो चिंता का विषय है। भगवान न करे कोई संक्रमित हो, लेकिन यदि ऐसा एक भी व्यक्ति आ गया तो राहत की सांस ले रहे बीकानेर में भी स्थिति बेकाबू होते देर नहीं लगेगी। जानकारी के अनुसार अभी शुक्रवार की शाम ही चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की टीम को सूचना मिली कि गंगाशहर रोड़ पर जैन आई होस्पीटल के सामने रहने वाले लूणिया परिवार के यहां गुजरात से आया एक जना ठहरा हुआ है।

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चौंकाने वाली बात तो यह है कि लूणिया परिवार ने ना तो इस व्यक्ति का स्वास्थ्य परीक्षण कराया और ना ही स्क्रिनिंग,परिवार ने इस व्यक्ति को होम आईसोलेशन में भी नहीं रखा। इसकी सूचना मिलते ही चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभााग की टीम अलर्ट मोड़ में आ गई। इस बीच कोरोना से संक्रमित जयपुर और झुंझनूं से भी कई लोगों के बीकानेर आने की खबर है, विडम्बना यह है कि घर परिवार के लोग ही बाहर से आने अपने परिजनों को उपस्थिति छुपाने में लगे है।

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जानकारी के अनुसार शनिवार की शाम पड़ोसी शहर नागौर में ट्रकों में आए नोखा के कई युवाओं की स्वास्थ्य जांच की गई और आगे के लिए रवाना किया गया। इनमें शामिल एक युवक ने बताया कि वहां काम बंद है और कमरे में बैठकर कितने दिन खाना खा सकते हैं।अन्य युवकों ने भी कमोबेश इसी तरह की स्थिति बयान की।

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