Sunday, May 19, 2024
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मन की बात/ लक्ष्‍मण रेखा नहीं लांघें, परेशानी के लिए मांगता हूं माफी : मोदी

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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अपने रेडियो कार्यक्रम “मन की बात” में देशवासियों से मुखातिब होते हुए कहा कि आमतौर पर मन की बात में कई विषयों को लेकर आता हूं। आज दुनियाभर में कोरोना संकट की चर्चा है। ऐसे में दूसरी बातें करना उचित नहीं होगा। कुछ ऐसे फैसले लेने पड़े हैं, जिनसे गरीबों को परेशानी हुई। सभी लोगों से क्षमा मांगता हूं। मैं आप सबकी परेशानी को समझता हूं, लेकिन कोरोना के खिलाफ लड़ाई में इसके सिवाय कोई चारा नहीं था। पीएम मोदी ने कहा- किसी का ऐसा करने का मन नहीं करता, लेकिन मुझे आपके परिवार को सुरक्षित रखना है। इसलिए दोबारा क्षमा मांगता हूं।

पीएम मोदी ने कहा- हमारे यहां कहा गया है कि बीमारे से पहले ही इसके उपाय कर लेने चाहिए। कोरोना का इंसान को खत्म करने की जिद पर अड़ा है, इसलिए सब लोगों को एकजुट होकर लॉकडाउन का पालन करने का संकल्प लेना होगा। लॉकडाउन में धैर्य दिखाना ही है। कुछ लोग कोरोना गंभीरता को नहीं समझ रहे हैं, लेकिन मैं कहता हूं कि इस गलतफहमी में न रहें, कई देश बर्बाद हो गए। कोरोना से लड़ाई में कई योद्धा ऐसे हैं, जो अमूल्य योगदान दे रहे हैं।

प्रधानमंत्री ने कोरोना से स्‍वस्‍थ हुए रामकुमार से बात की तथा उनसे कहा कि आपको अपने अनुभव का ऑडियो बनाकर इंटरनेट पर डालें, ताकि लोग प्रेरणा ले सकें। इसी तरह आगरा के बुजुर्ग ने उन्‍हें आपबीती में बताया कि वो कैसे इस समस्‍या से बाहर निकल पाए। पीएम मोदी ने उनसे कहा- आप आगरा में लोगों को नियमों का पालन करने के लिए कहिए, भूखों को भोजन कराएं। हम आपकी हिम्मत और समझदारी का सम्मान करते हैं।

मन की बात के दौरान दिल्ली के डॉ. नितेश ने पीएम मोदी को बताया कि हम आर्मी मोड में लोगों की सेवा में लगे हैं, जो जरूरी चीजें हैं, वे आप मुहैया करा ही रहे हैं। हम मरीजों को समझाते हैं कि घबराएं नहीं। 14-15 दिन में ठीक हो जाएंगे। उसके बाद जब टेस्ट रिपोर्ट निगेटिव आएगी तो आप घर जा सकते हैं। मोदी ने कहा- दुनिया का अनुभव बताता है कि इस बीमारी का संक्रमण अचानक बढ़ता है। भारत में ये स्थिति न आए इसके लिए हमें निरंतर प्रयास करना है।

पुणे के एक डॉक्टर ने बताया कि हमारे हॉस्पिटल में 16 संक्रमित आए थे, जिनमें से 7 को हम ठीक कर डिस्चार्ज कर चुके हैं। बाकी 9 का इलाज चल रहा है। रोजाना उनकी जांच और काउंसलिंग कर रहे हैं। 4-5 दिन में उनकी हालत भी ठीक हो जाएगी। अगर कोई संदिग्ध पाया जाता है तो उन्हें होम क्वारैंटाइन करते हैं। संक्रमण से बचने के लिए घर में भी बार-बार हाथ धोएं। हम लोगों को बताते हैं कि आप 14 दिन के लिए घर में ही रहें और क्वारैंटाइन रहें। हमें विश्वास है कि यह लड़ाई जीतेंगे।

प्रधानमंत्री ने कहा- साथियों हमें डॉक्टरों की सलाह और उनकी कही बातों को जीवन में उतारना है। आचार्य चरक ने कहा है कि धन और किसी खास कामना के लिए नहीं, बल्कि जो मरीज की भावना के लिए काम करता है, वही सर्वश्रेष्ठ चिकित्सक है। उन्‍होंने कहा कि डॉक्टर, नर्स और आप जैसे अन्य साथियों की मदद से ही हम कोरोना के खिलाफ जंग लड़ पा रहे हैं। हमने इन लोगों के लिए 50 लाख के हेल्थ कवर का प्रावधान किया है।

पीएम मोदी ने कहा कि कुछ ऐसी बातें पता चली हैं कि लोग होम क्वारैंटाइन वालों के साथ बुरा बर्ताव कर रहे हैं, ये गलत है। हमें वायरस को रोकने के लिए क्वारैंटाइन करना है, लेकिन समाज से कटना नहीं है। कुछ दिन की सोशल डिस्टेंसिंग करनी है। हमें उनके साथ अपने रिश्ते को बनाए रखना है। आज समय है, रिश्तों में नई जान फूंकें। मैं कहता हूं कि सोशल डिस्टेंसिंग बढ़ाओ, इमोशनल डिस्टेंसिंग घटाओ।

प्रधानमंत्री ने नवरात्रि का जिक्र करते हुए कहा- आप घरों में रहो, लेकिन खुद के मन में झांको। हमें लक्ष्मण रेखा का पालन करना है। मैं फिटनेस ट्रेनर नहीं हूं, लेकिन योग के कुछ आसनों से मुझे लाभ मिला है। इसलिए लॉकडाउन के दौरान आप भी इन्हें कर सकते हैं। लॉकडाउन के दौरान अगर हमें पता चले कि कोई गरीब भूखा या संकट में है तो हम पहले उसकी मदद करेंगे। हमें आज देश को बचाने के लिए सारी दीवारें तोड़ना है। आप घर पर रहिए, सुरक्षित रहिए, हमें ये जंग जीतना है। आप सभी को मेरी शुभकामनाएं।

आपको बता दें कि इससे पहले 24 मार्च को मोदी ने कहा था- हिंदुस्तान को बचाने के लिए 21 दिन का यह लॉकडाउन बेहद जरूरी है। यह जनता कर्फ्यू से ज्यादा सख्त होगा और यह एक तरह से कर्फ्यू ही है। बाहर निकलना क्या होता है, यह 21 दिन के लिए भूल जाइए। 21 दिन नहीं संभले तो आपका देश और आपका परिवार 21 साल पीछे चला जाएगा। कोरोना से मुकाबले के लिए सोशल डिस्टेंसिंग जरूरी है। हमें संक्रमण के चक्र को तोड़ना होगा। कोरोना से तभी बचा जा सकता है, जब घर की लक्ष्मण रेखा न लांघी जाए।

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