







बीकानेर Abhayindia.com बीकानेर के जस्सूसर गेट के बाहर स्थित एक नामी मिठाई की दुकान के सैल्समेन की कोरोना जांच रिपोर्ट नेगेटिव आई है। इसके साथ ही दुकान के संचालकों, स्टाफ और ग्राहकों ने भी राहत की सांस ली है।
आपको बता दें कि कल इसी दुकान के सैल्समेन की कोरोना जांच रिपोर्ट पॉजीटिव होने की अफवाह सोशल मीडिया पर फैल गई थी। इसके चलते इस दुकान के ग्राहकों को भी परेशानी सहन करनी पडी।
दुकान के संचालकों ने बताया कि उनके एक सैल्समेन वेदप्रकाश के भाई की रिपोर्ट पॉजीटिव आई थी। इस पर वेदप्रकाश की भी कल जांच कराई गई। अब उसकी रिपोर्ट नेगेटिव आने पर उसे 14 दिन के लिए होम क्वारेंटाइन कर दिया गया है।
बीकानेर में कोरोना : सिस्टम को अब कमर और कसनी होगी, ऐसे बन रहे हैं चिंताजनक हालात…
बीकानेर abhayindia.com बीकानेर जिले में कोरोना संक्रमण के केस थमने के बजाय और बढ रहे हैं। सोमवार को एसपी मेडिकल कॉलेज लैब से आई आज की पहली रिपोर्ट में 3, दूसरी रिपोर्ट में 23 और शाम को जारी तीसरी रिपोर्ट में 25 नए कोरोना मरीज मिले हैं। इसके साथ ही बीकानेर जिले में कोरोना पॉजीटिव मरीजों की संख्या बढकर 543 हो गई है। सबसे चिंता की बात यह है कि नए मिल रहे मरीजों की हिस्ट्री खंगालने के लिए स्वास्थ्य अमले के पास फौज कम पड रही है। सिस्टम को इस ध्यान देने के साथ ही ऐसे इलाकों में सख्ती बरतनी चाहिए जहां निषेधाज्ञा लागू के आदेश जारी है।
ताजा हालातों को देखते हुए कहा जा रहा है कि कोरोना अब बीकानेर में घुल-मिल गया है। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी भी दबी जुबान में स्वीकार कर रहे हैं कि शहर में आने वाले दिनों में और ज्यादा मरीज आ सकते हैं।
आपको बता दें कि चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग आंकड़ों के अनुसार, अब शहर में कुछेक ही इलाके ऐसे बचे हैं, जहां कोरोना ने दस्तक नहीं दी है। आधे से ज्यादा शहर में दस्तक दे चुका कोरोना के बढते रोगियेां की तादाद को देखते हुए उन्हें इलाज के लिये पीबीएम अस्पताल वार्ड और स्वास्थ्य विभाग के कोविड़ केयर सेंटरों के बजाय घरों में आईसोलेट किया जा रहा है।
फिलहाल कोरोना के ताजा हालातों की हकीकत रिपोर्ट यह है कि कोरोना अब बीकानेर शहर के अमूमन इलाकों में दस्तक दे चुका है, अनेक संस्थानों, प्रतिष्ठानों और दुकानों में कोरोना संक्रमितों की पुष्टि हो चुकी है। इसके बावजूद कोरोना संक्रमण से बचाव को लेकर कोई खास बंदोबश्त नजर नहीं आ रहे है। सेनेटाइजर का उपयोग भी कहीं-कहीं ही दिखाई देता है। सरकारी दफ्तरों में लगी सेनेटाइजर मशीनें प्राय: बंद हो चुकी है। मास्क नाक से उतर कर गले तक लटक गए हैं। किसी को न खुद की फिक्र है और न अपने परिजन की।
खुले नाक-मुंह के लोग बाहर घूम रहे हैं और फिर उसी हालात में अपने परिवारजनों के साथ बिना नहाए-धोए घुल-मिल रहे हैं। सब्जी ठेलों, मण्डियों, दुकानों, बैंकों और गली मौहल्लों में भीड़-भाड़ रहना इन दिनों आम बात हो गई है। अब कोई पुलिसकर्मी भी वहां आकर नहीं टोकते। यदि अभी भी नहीं संभले तो आने वाला समय बीकानेर के लिए बहुत ही खतरनाक साबित हो सकता है। ये शहर लॉकडाउन के दौरान बहुत ही अनुशासित रहा है। उस अनुशासन की एक बार फिर से जरूरत महसूस हो रही है, ताकि इस शहर को स्वस्थ व सुरक्षित रखा जा सके। इसके लिए सिस्टम को अब अपनी कमर और कसनी चाहिए।
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