बीकानेर abhayindia.com शहर के नजदीकी गांव चकगर्बी के नक्शे में गड़बड़ी और फर्जी तरमीमों का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है। इस मामले में प्रशासनिक स्तर पर गठित की गई कमेटियों की जांच रिपोर्ट में फर्जी तरमीमों की कारस्तानी उजागर होने के बावजूद जिला कलक्टर की ओर से नक्शे में गड़बड़ी करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही नहीं की जा रही है।
फिलहाल इस मामले को लेकर युवा संघर्ष समिति ने भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरों के अतिरिक्त महानिदेशक के समक्ष परिवाद भेजकर नक्शे में गड़बड़ी और फर्जी तरमीमें करने वालों के खिलाफ कार्यवाही की मांग की है। परिवाद में अगवत कराया गया है कि चकगर्बी के तत्कालीन पटवारी ने अपने परिजनों और नजदीकी नेताओं को लाभ पहुचंाने की नियत से सरकारी नक्शे में फर्जी तरमीमें करवा दी।
जानकारी में रहे कि चकगर्बी के नक्शे में गड़बड़ी और फर्जी तरमीमों का मामला बीते कई सालों से सुर्खियों मे है,इसे लेकर राजस्व कोर्ट में कई मामले भी लंबित है। यह भी खबर सामने आई है कि बीकानेर तहसील मुख्यालय में चकगर्बी का जो नक्शा काम में लिया जा रहा है वह भी फर्जी है। क्योंकि नक्शें की तरमीमों पर सक्षम अधिकारी के हस्ताक्षर नहीं है। हैरानी की बात तो यह है कि जलदाय विभाग की ओर से चकगर्बी में तीन बड़े जलाशय बनाने के प्रोजेक्ट स्वीकृत किये गये है। जबकि नक्शे में गड़बड़ी की वजह से चकगर्बी की अधिकांश जमीनों को लेकर न्यायालय में विवाद चल रहे है।