बीकानेर Abhayindia.com तेरापंथ धर्म संघ के विराट व्यक्तित्व के धनी भंवरलाल डागा की स्मृति सभा का आयोजन तेरापंथ भवन गंगाशहर में किया गया। भंवरलाल डागा की बहन पुष्पा सेठिया व मंजू डागा ने नमस्कार महामंत्र से स्मृति सभा का शुरूआत की। तेरापंथ महिला मण्डल गंगाशहर की संरक्षिका नयनतारा छलाणी ने भंवरलाल डागा को श्रद्धासुमन अर्पित किये तथा साध्वी प्रमुखा श्री जी से प्राप्त सन्देश का वाचन किया। तेरापंथ न्यास के न्यासी जतनलाल दूगड़ ने श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए न्यास में किये गये कार्यो के बारे में बताया। दूगड़ ने आचार्य श्री महाश्रमण जी से प्राप्त सन्देश का वाचन किया।
तेरापंथ महासभा के संरक्षक जैन लूणकरण छाजेड़ ने भंवरलाल डागा के जीवन के अनेक संस्मरण सुनाते हुए कहा की आज की सभा दुःख का नहीं, आज समय है उनके गुणों, विशेषताओं, शिक्षाओं और विचारों को अपने जीवन में आत्मसात करें। उन्होंने कहा कि कर्म, वचन व व्यवस्था से हर दिल में जगह बनाते हैं, वो दूर चले जाने पर भी याद आते हैं। छाजेड़ ने कहा कि मृत्यु के बाद लोगों के दिलों में अपने कार्यों के चलते हमेशा ज़िंदा रहता है। उन्होंने कहा कि वो अनुशासन प्रिय व्यक्ति थे। तीन तीन आचार्यों के कृपापात्र रहे तथा आचार्यों के महत्वपूर्ण कार्यों को करने वाले विश्वसनीय श्रावक थे। श्रद्धा, आस्था, समर्पण व संघ निष्ठा उनके पर्यायवाची थे।
बीकानेर आसाम रोड़लाईन्स के डायरेक्टर शुभकरण बोथरा ने भंवरलाल डागा के प्रति अपनी श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि कैसे भंवरलाल डागा ने उनको तैयार किया और आज इस मुकाम तक पहुंचाया। बोथरा ने बताया कि उनमें व्यक्ति को तराशने कि बहुत अच्छी कला थी। तेरापंथी सभा गंगाशहर के मंत्री तथा जैन महासभा के संगठन मंत्री जतन संचेती ने सभा व जैन महासभा की और से भंवरलाल जी डागा को श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए कहा कि भंवरलाल डागा जो कार्य हाथ में लेते थे उसको सफल करने के लिए जुनून के साथ जुट जाते थे। उन्होंने शून्य से शिखर की यात्रा करते हुए फर्श से अर्श तक पहुंचे। डागा जी ने अपने प्रतिष्ठान का नाम बीकानेर आसाम रोडलाइन्स रख कर अपनी जन्मभूमि बीकानेर के नाम को पूरे देश में विख्यात किया। संचेती ने कहा कि अपनी जननी व जन्मभूमि के प्रति पूर्ण समर्पित थे।
भंवरलाल डागा के सहयोगी रहे भारत भूषण गुप्ता ने उनके साथ बिताये हुए वक्त के बारे में बताया और यादे ताजा की। भूषण ने बताया कि भंवर जी में विसर्जन करने की भावना हमेशा थी। उन्होंने अपनी ओर से भंवरजी के प्रति अपने श्रद्धासुमन अर्पित किये। चम्पालाल डागा ने अपनी स्मृतियां बताते हुए अपनी श्रद्धांजलि व्यक्त की। तेरापंथ युवक परिषद्, गंगाशहर के उपाध्यक्ष ललित राखेचा ने परिषद् की और से श्रद्धासुमन अर्पित किये और कहा कि वो अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद् के उपाध्यक्ष रहे थे।
अणुव्रत समिति, गंगाशहर के भैरूदान सेठिया ने भंवरलाल डागा के प्रति समिति कि और से श्रद्धासुमन अर्पित किये। पुरानी लेन ओसवाल पंचायति के अध्यक्ष पवन छाजेड़ ने अपनी और से स्मृतियां प्रस्तुत करते हुए श्रद्धासुमन अर्पित किये। तेरापंथ प्रोफेशनल फोरम के राकेश चोरड़िया ने अपनी और से व तेरापंथ प्रोफेशनल फोरम की और से श्रद्धाजंली प्रस्तुत कि और स्मृतिया बताई।
बीकानेर आसाम रोड़लाईन्स के राजेश कोचर ने अपनी और से श्रद्धासुमन अर्पित किये तथा पदमचन्द पटावरी से प्राप्त पत्र का वाचन किया। भंवरलाल डागा के पारिवारिक डाॅक्टर डाॅ. जेठमल मरोटी ने अपने उद्गार व्यक्त किये और बताया कि वो एक दबंग व्यक्ति थे। मरोटी ने भंवरलालजी की स्मृतियों को याद किया और उन्हे श्रद्धासुमन अर्पित किये। गंगाशहर नागरिक परिषद् के सम्पत दूगड़ ने भंवरलाल डागा को अपनी और से व परिषद् की और से श्रद्धासुमन अर्पित किये। आचार्य तुलसी शान्ति प्रतिष्ठान के अध्यक्ष व ओसवाल डागा बन्धु महासंघ के अध्यक्ष हंसराज डागा ने डागा के प्रति अपनी श्रद्धांजलि प्रस्तुत की। जैन पाठशाला सभा के अध्यक्ष विजय कोचर ने डागा के बारे में बताया कि उन्होंने जैन पाठशाला सभा को अपना अमुल्य समय दिया। कोचर ने भंवरलाल जी के प्रति अपनी श्रद्धांजलि व्यक्त किया। अर्हम् स्कूल के सुरेन्द्र डागा ने अपने उद्गार व्यक्त किये।
भंवरलाल डागा के पुत्र सुशील डागा ने अपने जीवन में पिता के मुल्यों को बताया और सबके साथ भंवरलाल जी के प्रति अपनी स्मृतियां साझा की। रोटरी क्लब के अरूण प्रकाश गुप्ता ने क्लब की और से व अपनी और से श्रद्धासुमन अर्पित किये तथा दिए आगये सहयोग का जिक्र किया। अजय चौपड़ा के द्वारा प्राप्त वाईस संदेश को सुनाया गया।
भंवरलाल के छोटे भाई विजय डागा ने उनके प्रति स्मृतियों को बताते हुए कहा कि उन्होंने कितना श्रम किया। जीवन कैसे जिया जाय यह उन्होने बताया और आज की पीढ़ी को इससे सीख लेनी चाहिए। सहयोग की भावना उनमें हमेशा से रही थी। उन्होंने अपने माँ व पिताजी के नाम को अमर कर दिया डागा पैलेस बनवाकर। विजय डागा ने भंवरलाल डागा व शान्ति देवी की याद में रोटरी क्लब को एक स्वर्ग रथ भेंट करने की घोषणा की।
डागा की पुत्रवधु मधु डागा ने अपने ससुरजी के बारे में स्मृतियां साझा करते हुए बताया कि पापाजी कितने उदारमना थे। संचालन जैन लूणकरण छाजेड़ ने किया।