बीकानेर Abhayindia.com राज भाषा हिन्दी के प्रति जागरूकता के साथ इस दिशा में गति लाने के उद्देश्य से बेसिक पी.जी. महाविद्यालय द्वारा 14 सितंबर को हिन्दी दिवस समारोह तथा 9 सेे 24 सितंबर तक हिन्दी पखवाड़ा के रूप में मनाया जाएगा। जिसके अन्तर्गत शहर एवं समाज में हिन्दी को सोपान पर ले जाने वाले साहित्यकारों एवं युवा लेखकों का सम्मान भी किया जाएगा। आज ‘‘हिन्दी पखवाड़ा’’ के शुभारम्भ के अवसर पर स्थानीय वार्ड पार्षद प्रदीप उपाध्याय मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। महाविद्यालय प्रबंध समिति के अध्यक्ष रामजी व्यास ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। माँ सरस्वती की प्रतिमा की स्थापना एवं पूजा-अर्चना के साथ कार्यक्रम का शुभारम्भ किया गया।
इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. सुरेश पुरोहित ने बताया कि इस दौरान महाविद्यालय स्तर पर हिन्दी दिवस, संगोष्ठी, निबंध प्रतियोगिता, हिन्दी सुलेख, पत्र लेखन, नारा लेखन, वाद-विवाद प्रतियोगिता, भाषण प्रतियोगिता, राजभाषा रैली, सम्मेलन जैसे अनेक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा और विजेता प्रतिभागियों को हिन्दी पखवाड़े के समापन अवसर पर पुरस्कृत भी किया जाएगा।
कार्यक्रम के प्रारम्भ में मुख्य अतिथि वार्ड पार्षद प्रदीप उपाध्याय द्वारा हिंदी पखवाड़े का शुभारंभ करते हुए सभी विद्यार्थियों एवं स्टाफ सदस्यों को राजभाषा प्रतिज्ञा दिलवाई गई। पखवाड़े के उद्घाटन अवसर पर छात्रों को संबोधित करते हुए प्रदीप उपाध्याय ने कहा कि हम सबको हमेशा अपनी प्रतिबद्धताओं और प्रयासों से राजभाषा के संवर्धन के प्रति सदैव ऊर्जावान रहना है।
कार्यक्रम के दौरान महाविद्यालय प्रबंध समिति के अध्यक्ष रामजी व्यास ने बताया कि हिन्दी को बढ़ावा देने के लिए किसी भी अवसर पर अपना संबोधन सदैव हिंदी में ही देते हैं। व्यास ने बताया कि प्रशासनिक कार्यों के साथ-साथ हिंदी को अपने दैनिक जीवन का भी अभिन्न अंग बनाना चाहिए। कार्यक्रम के अन्त में महाविद्यालय प्रबंध समिति के अध्यक्ष रामजी व्यास एवं महाविद्यालय प्राचार्य डॉ. सुरेश पुरोहित द्वारा मुख्य अतिथि वार्ड पार्षद प्रदीप उपाध्याय को प्रतीक चिह्न भेंट कर सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम को सफल बनाने में महाविद्यालय स्टाफ सदस्य डॉ. रमेश पुरोहित, डॉ. रोशनी शर्मा, वासुदेव पंवार, डॉ. नमामिशंकर आचार्य, माधुरी पुरोहित, प्रभा बिस्सा, सौरभ महात्मा, संध्या व्यास, प्रियंका देवड़ा, गणेश दास व्यास, ज्योत्सना पुरोहित, जयप्रकाश, अर्चना व्यास, हिमांशु, शिवशंकर उपाध्याय, पंकज पाण्डे, महेन्द्र आचार्य का उल्लेखनीय योगदान रहा।