Saturday, May 4, 2024
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कलेक्टर की ओर से जारी आरोप पत्र एवं निलंबन आदेश पर रोक

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जोधपुर Abhayindia.com राजस्थान उच्च न्यायालय की एकल पीठ के न्यायाधीश डॉ. पुष्‍पेन्द्र सिंह भाटी ने महात्मा गांधी राजकीय विद्यालय भोपालगंज, जिला भीलवाड़ा में शारीरिक शिक्षक ग्रेड तृतीय के पद पर कार्यरत प्रेम कुमार व्यास के विरूद्ध कलेक्टर भीलवाड़ा द्वारा जारी निलम्बन आदेश व चार्जशीट पर रोक लगा दी है।

भीलवाड़ा के राजकीय महात्मा गांधी विद्यालय, भोपालगंज में शारीरिक शिक्षक के पद पर कार्यरत प्रेम कुमार व्यास की दिनांक 14.07.2023 को चुनाव कार्यक्रम में बूथ लेवल ऑफिसर के पद पर सहायक निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी (तहसीलदार) भीलवाड़ा द्वारा ड्यूटी लगाई गई। चूंकि प्रार्थी सरवाईकल की गंभीर बीमारी से ग्रसित होने के कारण एक प्रार्थना पत्र विभाग के समक्ष प्रस्तुत किया। जिस पर दिनांक 05.09.2023 को कार्यालय निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी (तहसीलदार) भीलवाड़ा द्वारा उसकी लगाई गई ड्यूटी पर पुनर्विचार करते हुए निरस्त कर दिया। दिनांक 22.09.2023 के आदेश के द्वारा प्रार्थी को राजस्थान सिविल सेवायें (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियम 1958 के नियम 13 के तहत जिला कलेक्टर भीलवाड़ा द्वारा निलंबित कर दिया गया एवं दिनांक 22.09.2023 को ही उसे राजस्थान सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियम 1958 के नियम 16 के तहत (चार्जशीट) आरोप पत्र भी जारी कर दी गई।

जिला कलेक्टर के इस कृत्य से व्यथित होकर प्रार्थी ने अपने अधिवक्ता प्रमेन्द्र बोहरा के माध्यम से एक रिट याचिका उच्च न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत की। उच्च न्यायालय के समक्ष प्रार्थी के अधिवक्ता का यह तर्क था कि प्रार्थी माध्यमिक शिक्षा के तहत संचालित विद्यालय में शारीरिक शिक्षक के पद पर नियुक्त है एवं उसकी नियुक्ति जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक भीलवाड़ा द्वारा की गई है यानी प्रार्थी का नियुक्ति अधिकारी जिला शिक्षा अधिकारी भीलवाड़ा है। इसके बावजूद भी जिला कलेक्टर भीलवाड़ा द्वारा प्रार्थी को निलंबित कर दिया गया है, जो अनुचित है।

प्रार्थी के अधिवक्ता का न्यायालय के समक्ष यह भी तर्क था कि जिला कलेक्टर भीलवाड़ा न तो प्रार्थी का नियुक्ति अधिकारी है एवं न ही अपीलीय अधिकारी है। राजस्थान सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियम 1958 के नियम 13 में स्पष्‍ट प्रावधान है कि नियुक्ति अधिकारी ही किसी कार्मिक को निलंबित कर सकता है। परन्तु वर्तमान प्रकरण में जिला कलेक्टर भीलवाड़ा द्वारा प्रार्थी को आदेश दिनांक 22.09.2023 से जो निलंबित किया जाता है एवं दिनांक 22.09.2023 के द्वारा ही जो आरोप पत्र नियम 16 के तहत दिया गया है वह नियम 13 के उल्लंघन में है।

प्रार्थी के अधिवक्ता के तर्कों से सहमत होते हुए राजस्थान उच्च न्यायालय की एकलपीठ के न्यायाधीश ने माध्यमिक शिक्षा विभाग एवं जिला कलेक्टर भीलवाड़ा द्वारा जारी निलंबन आदेश दिनांक 22.09.2023 एवं उसी के द्वारा नियम 16 के तहत जारी आरोप पत्र दिनांक 22.09.2023 पर अंतरिम रूप से रोक लगाई।

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