बीकानेर Abhayindia.com राजकीय महारानी सुदर्शन कन्या महाविद्यालय (एम. एस. कॉलेज) में सुदर्शना पूर्व छात्रा समिति द्वारा शनिवार को एल्युमिनियम मीट का आयोजन किया गया। वर्ष 1980 से लेकर गत वर्ष तक की एलयूमिनाई छात्राओं ने कार्यक्रम में शिरकत कर अपने पुराने दिनों को याद किया। “एल्युमिनी संगम 2025-यादों का त्योहार : सुदर्शन के द्वार” नाम से आयोजित हुए इस कार्यक्रम में एल्यूमिनी मीट के साथ-साथ वर्कशॉप फॉर आर्ट एंड कल्चर का भी आयोजन किया गया। इन कार्यशालाओं में महाविद्यालय की पूर्व छात्राओं ने अध्ययरत छात्राओं के साथ अपने अपने क्षेत्रों के अनुभव साझा किए और इन क्षेत्रों में करियर निर्माण के लिए विस्तार से जानकारी दी।
कार्यक्रम में अतिथियों व महाविद्यालय की पूर्व छात्राओं का तिलक लगाकर स्वागत किया गया। महाविद्यालय की पूर्व छात्राओं ने समारोह के शीर्षक “यादों का त्योहार : सुदर्शन के द्वार” कला और संस्कृति पर कार्यशाला साकार करते हुए महाविद्यालय के नियमित छात्राओं को विभिन्न कार्यशालाओं के माध्यम से कला, संस्कृति, संचार कौशल व एडवेंचर स्पोर्ट्स, फैशन डिजाइनिंग, लिप्पन आर्ट जैसे विभिन्न क्षेत्रों के नवीन आयामों से परिचित करवाया।
डॉ सुषमा बिस्सा, मेंबर ऑफ़ द एग्जीक्यूटिव काउंसिल ऑफ़ नेशनल एडवेंचर फाउंडेशन द्वारा संचालित पर्वतारोहण कार्यशाला में विभिन्न साहसिक गतिविधियों के लिए आवश्यक प्रशिक्षण व इस क्षेत्र में रोजगार की संभावनाओं से छात्राओं को रूबरू करवाया गया। इसी क्रम में डॉ शचि व्यास, सहायक आचार्य संगीत विभाग एम. एस. कॉलेज ने संगीत कार्यशाला के अंतर्गत विभिन्न रागों, वाद्य यंत्रों और इस विद्या की बारीकियां से छात्राओं को परिचित करवाया। इन्ना सुथार, फैशन डिजाइनर ने फैशन डिजाइनिंग कार्यशाला में कपड़ों पर गोटा पत्ती वर्क, मिरर वर्क तथा कपड़ों की नाप से संबंधित जानकारियां प्रदान की।
डॉ सुमिता ऐरन, रिसर्च ऑफिसर निदेशालय स्कूल शिक्षा द्वारा आयोजित लिपन आर्ट कार्यशाला में विभिन्न कलात्मक वस्तुओं का प्रदर्शन कर छात्राओं को इस कला की आधारभूत जानकारियां प्रदान की। डॉ रश्मि राय रावत, रिसचर एंड स्पीकर द्वारा पर्यटन कला व संस्कृति कार्यशाला में पर्यटन के विभिन्न आर्थिक सामाजिक व पर्यावरणीय पहलुओं पर प्रकाश डाला। कार्यशाला को रोचक बनाते हुए छात्राओं से बीकानेर क्षेत्र में पर्यटन के विकास के लिए विभिन्न सुझाव मांग कर इसके सामाजिक आर्थिक और पर्यावरण प्रभाव का आकलन करने संबंधित एक्टिविटी करवाई गई।
सहायक निदेशक जनसंपर्क भाग्यश्री गोदारा ने मास मीडिया एंड कम्युनिकेशन कार्यशाला में पत्रकारिता के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डालते हुए सोशल मीडिया का अध्ययन के लिए रचनात्मक प्रयोग करने तथा इसके दुष्प्रभावों से छात्राओं को सचेत रहने की सलाह दी। लेखिका कविता मुकेश ने रचनात्मक लेखन कार्यशाला में लेखन की विभिन्न विधाओं से परिचित करवाते हुए छात्राओं को विषय चयन की बारीकियां समझाई।
कार्यशालाओं के संयोजन व संचालन में समिति के सलाहकार मंडल डॉ शशि बिदावत व डॉ नीरू गुप्ता की महत्वपूर्ण भूमिका रही ।कार्यशालाओं के पश्चात महाविद्यालय की संस्थापक आदर्श महारानी सुदर्शन, का उपस्थित पूर्व छात्राओं में वरिष्ठतम एलुमनी डॉ ज्योत्सना ओझा का माल्यार्पण किया गया।
प्राचार्य अभिलाषा आल्हा ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि पूर्व छात्राओं का प्रेम पाकर महाविद्यालय परिवार अभिभूत है, और आशा करते हैं कि महाविद्यालय के विकास में यह छात्राएं अपनी भूमिका निभाती रहेंगी। पूर्व छात्रा समिति की अध्यक्ष डॉ विभा बंसल ने कहा कि महाकुंभ के संगम की भांति यह समारोह भी पूर्व छात्राओं का संगम है जिसमें सभी छात्राएं समान स्तर पर आकर मिल रही हैं। हमारे वर्तमान स्वरूप को गढ़ने में इस महाविद्यालय की महत्वपूर्ण भूमिका रही है।
अक्षरा पुरोहित द्वारा प्रस्तुत गीत “आज जाने की जिद ना करो” तथा नंदिनी स्वामी व कुमकुम सुथार द्वारा प्रस्तुत नृत्य ने कार्यक्रम में उल्लास का संचार किया। डॉ हिमांशु कांडपाल व डॉ सीमा व्यास के द्वारा विभिन्न मनोरंजक गतिविधियां पूर्व छात्राओं के लिए आयोजित की गई। समिति द्वारा कार्यशाला संयोजकों व भामाशाहों को सम्मानित किया गया। समिति की सचिव डॉ रीना साहा ने वर्ष पर्यंत किए गए कार्यों का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया।
उपाध्यक्ष डॉ सुशीला ओझा ने समिति की ओर से महाविद्यालय के विस्तार के लिए भूमि आवंटित करने की मांग का प्रस्ताव रखा। उन्होंने कहा कि महाविद्यालय के आधारभूत ढांचे को विस्तार की आवश्यकता है लेकिन वर्तमान बिल्डिंग काफी पुरानी होने के कारण इसके ऊपर भवन निर्माण संभव नहीं है। पूर्व छात्राओं ने अपने विचार रखें एवं महाविद्यालय से जुड़ी अपनी यादों को साझा किया।कार्यक्रम के अंत में डॉ नूरजहां द्वारा धन्यवाद ज्ञापन किया गया। कार्यक्रम का सफल संचालन डॉ राधा सोलंकी तथा रिपोर्टिंग सुमन बिश्नोई द्वारा की गई। इसके साथ ही डॉ विनोद कुमारी, डॉ ऋचा मेहता, नीतू परिहार, तनुजा कंवर, सुमन तंवर, पूजा कुम्हार, प्रियंका सारस्वत, रितु गहलोत व एलुमनी वालेंटियर्स का सराहनीय योगदान रहा।