मुकेश पूनिया/बीकानेर (अभय इंडिया न्यूज)। विधानसभा चुनावों के लिये कार्यकर्ताओं में जीत का दम भरने लिये बुधवार को बीकानेर आये कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी की महासंकल्प रैली के बाद पार्टी के स्थानीय नेताओं की अंदरूनी कलह और अधिक गहरा गई है। हालांकि रैली के मंच पर तमाम नेता एक साथ खड़े नजर आए, लेकिन एक–दूसरे से नजरें नहीं मिलाई।
पार्टी सूत्रों ने भी खुलासा किया है कि राहुल की रैली में नेता प्रतिपक्ष रामेश्वर डूडी का दबदबा रहने से उनकी विरोधी लॉबी के नेताओं को मंच पर ज्यादा तरजीह नहीं दी गई। डूडी लॉबी से जुड़े विधायक भंवरसिंह भाटी, जिला प्रमुख सुशीला सींवर, यूथ कांग्रेस नेता बिशनाराम सियाग वगैरहा मंच पर अग्रणीय पंक्ति में दिखे, जबकि डूडी विरोधी लॉबी के पूर्व मंत्री विरेन्द्र बेनीवाल के अलावा किसी नेता को मंच पर नहीं बुलाया।
जानकारी में रहे कि बीकानेर के कांग्रेसी नेताओं में चल रही आपसी टकराहट पहले से कायम है और इसकी गूंज बीकानेर से लेकर जयपुर और दिल्ली तक सुनाई दे चुकी है। आपस में एक–दूसरे की टांग खिचाई में जुटे स्थानीय नेता यहां पार्टी के कई कार्यक्रमों में सार्वजनिक रूप से एक–दूसरे की फीत उतार चुके है। हाल में एक कार्यक्रम में नेता प्रतिपक्ष रामेश्वर डूडी की ओर से राजकुमार किराड़ू को बीकानेर पश्चिम का प्रबल दावेदार बताने के बयान से भी टकराहट और गहरी हुई है। जानकारों की मानें तो गुटबाजी के कारण बीकानेर कांग्रेस में अंदरूनी कलह लगातार बढ़ती जा रही है और तमाम नेता यहां पार्टी की जीत का मार्ग प्रशस्त करने के बजाय अपने विरोधी की टिकट कटवाने की कवायद में जुटे है। ऐसे में आगामी विधान सभा चुनावों में कांग्रेस के लिए हारी हुई सीटें जीतना और जीती हुई सीटों को बचाना आसान नहीं होगा।
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