








बीकानेर Abhayindia.com आईपीएस देवेन्द्र कुमार बिश्नोई ने सोमवार को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) बीकानेर के पुलिस अधीक्षक पद पर कार्यभार ग्रहण कर लिया है। इसके बाद उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि हालांकि, एसीबी उनके लिए नया फील्ड जरूर है लेकिन मैं सरकार और आमजन के भरोसे पर खरा उतरने का प्रयास करूंगा। सरकार की साफतौर पर यह मंशा है कि भ्रष्टाचार पूरी तरह खत्म हो। इसके लिए हरसंभव कोशिश करेंगे। आमजन की शिकायत का प्राथमिकता से निराकरण कर उन्हें राहत दिलाई जाएगी। दी जाएगी। उनका काम नियमानुसार हो, इसका ध्यान रखा जाएगा। इसके लिए एसीबी खुद अपने स्तर पर भी कार्रवाई करेंगी। बिश्नोई ने कहा कि वे पूर्व में भी बीकानेर में अपनी सेवाएं दे चुके हैं। लिहाजा वे यहां के माहौल से पूरी तरह परिचित है।
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि ट्रेप की कार्रवाई के दौरान परिवादी की राशि भी जब्त होती है। इस जब्त राशि के परिवादियों का भटकना नहीं पड़े इसके लिए सरकार ने रिवॉल्विंग फंड कोष गठन किया हुआ है। परिवादियों के आवेदन करने पर कोष से इस राशि का पुनर्भरण किया जाता है। बीकानेर में इसे लेकर क्या स्थिति है, इसका पता लगाया जाएगा।
आपको बता दें कि आईपीएस देवेन्द्र बिश्नोई वर्ष 1997 में पुलिस सेवा में आए। वे अपने बैच के टॉपर भी रहे। बीएससी व एलएलबी की डिग्रियां प्राप्त बिश्नोई सीकर ग्रामीण, बीकानेर सिटी, बीकानेर सदर, बूंदी के नैनवा में सीओ रहे। 2008 में एडिशनल एसपी के पद पर पदोन्नत हुए। एएसपी बनने पर दो साल जोनल ऑफिस इंटेलीजेंस बीकानेर में पदस्थापित रहे। एएसपी रायसिंहनगर, बीकानेर सिटी, अजमेर ग्रामीण, अलवर हैडक्वार्टर में रहने के बाद देवेन्द्र बिश्नोई वर्ष 2012 की सीनियरटी मिलने पर आईपीएस बने। पहली पोस्टिंग बीकानेर आरएसी कमांडेंट नियुक्त हुुए। इसके बाद करीब एक साल से ज्यादा भरतपुर में पुलिस अधीक्षक पद पर रहे। इस दौरान उन्होंने कई संगीन मामलों में सख्ती से कार्रवाई करते हुए अपनी अलग पहचान बनाई। खासतौर से मेवात इलाके में सक्रिय गैंग के सदस्यों को सलाखों के पीछे पहुंचाया। बाद में थर्ड आरएसी कमांडेंट और अब पुलिस अधीक्षक के पद पर तैनाती मिली है।





