बीकानेर Abhayindia.com जैन श्वेताम्बर खरतरगच्छ संघ के जैनाचार्य जिन पीयूष सागर सूरीश्वर महाराज आदि ठाणा के सान्निध्य में मंगलवार को नाल गांव में मुनि सुव्रत स्वामी मंदिर का प्रतिष्ठा महा महोत्सव मंगलवार द्वारोउद्घाटन, परमात्मा के अभिषेक व सतरह भेदी तथा दादा गुरुदेव की बड़ी पूजा और मंगल आरती के बाद संपन्न हुआ।
श्री जैन श्वेताम्बर ओसवाल श्रीसंघ खरतरगच्छ ट्रस्ट के अध्यक्ष रतन लाल नाहटा ने बताया कि नूतन जिनालय की प्रतिष्ठा के बाद मंगलवार सुबह द्वार के पट खोलने का लाभ, प्रतिष्ठा व मंदिर निर्माण के मुख्य लाभार्थी वीरमती देवी पत्नी स्वर्गीय भंवर लाल डागा परिवार के सिद्धकरण, अभय-साधना डागा, महावीर, आदित्य, युवराज व तरुण डागा आदि के साथ पवन पारख ने लिया।
जैनाचार्य जिन पीयूष सागर सूरिश्वर महाराज के सान्निध्य में मुनिवृंद के नेतृत्व में विधिकारक नागदा के गौरव जैन ने परमात्मा अभिषेक व पूजा, दादा गुरुदेव की बड़ी पूजा भक्ति गीतों के साथ की। मुनि शौर्य रतन सागर, बालमुनि श्रुत रत्न सागर आदि ठाणा पांच के साथ घाणेराव के रामलाल ने भक्ति गीत प्रस्तुत किए। दादा गुरुदेव की पूजा में न्हवण, केशर, पुष्प, धूप, दीप, अक्षत, नैवेद्य, फल, वस्त्र व ध्वज व अर्घ पूजा के दौरान विभिन्न राग व तर्जों में भजन, दोह व मंत्रोच्चारण किया गया। पूजा व अभिषेक में पुजारी राजेन्द्र भोजक की सक्रिय भागीदारी रही।
सुगनजी महाराज के उपासरे में 18 अभिषेक महापूजन 28 को
जैन श्वेताम्बर खरतरगच्छ संघ के जैनाचार्य जिन पीयूष सागर सूरीश्वर महाराज आदि ठाणा व साध्वीश्री विजय प्रभा व प्रभंजनाश्रीजी आदि ठाणा के सान्निध्य में गुरुवार को सुबह नौ बजे 18 अभिषेक महापूजन होगा।
श्री सुगनजी महाराज का उपासरा ट्रस्ट के मंत्री रतन लाल नाहटा ने बताया कि गुरुवार को सुबह साढ़े आठ बजे ढढ्ढा चौक के कोठारी भवन से आचार्यश्री के नेतृत्व में आगम तप के दौरान प्रदत प्रतिमाओं को लेकर शोभायात्रा के साथ सुगनजी महाराज के उपासरे पहुंचेंगे। उन्होंने सभी आगम तप तपस्वियों व श्रावक-श्राविकाओं से आग्रह किया है कि तप के बहूमान के दौरान मिली परमात्मा की प्रतिमाओं के साथ अपने घर की प्रतिमाओं को किनार की थाली में लेकर पहुंचे।
नाहटा ने बताया कि जैनाचार्य जिन पीयूष सागर सूरीश्वरजी महाराज के सान्निध्य में भवोदधितरक-शिव सुखकारक ’’श्री 45 आगम तप’’ भगवान श्री नमिनथ जन्म कल्याणक दिवस 28 जुलाई से मणिधारी दादा गुरुदेव जिन चन्द्र सूरि जन्म जयंती 11 सितम्बर 2024 तक आयोजित किया गया। तप के दौरान ढढ्ढा चौक में आगम वाटिका स्थापित की गई जिसमें बैठकर श्रावक-श्राविकाओं ने नियमित आगमों की पूजा व मंत्र जाप किया था।