Wednesday, May 14, 2025
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साधु की आठ माताएं होती है : जैन मुनि श्रृतानंद, आत्म साधना पर केन्द्रित रहा आज का प्रवचन

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बीकानेर Abhayindia.com रांगड़ी चौक स्थित तपागच्छीय पोषकशाला में चल रहे चार्तुमासीय प्रवचन गच्छाधिपति नित्यानंद सुरीश्वर के शिष्यरत्न श्रृतानंद विजय म.सा. व मुनि पुष्पेन्द्र द्वारा किया गया। स्वतंत्रता दिवस पर आयोजित आज के प्रवचन मे श्रृतानंद विजय म.सा. ने तत्व ज्ञाान आत्म साधना के बारे में बताते हुए अष्टज्ञान पर प्रवचन दिया और कहा साधु की आठ माताएं होती हैं जो जैन साधु को एक-एक कर आठ बातों को सिखाती है। इन आठ गुरुमाताओं द्वारा प्रदत्त ज्ञान को लघु नाटिका के माध्यम से संयोजिका ललिता तथा 8 गुरुमाताओं के रूप में कुसुम, सरोज, वर्षा, कीर्ति, ऋतु, भाग्यश्री, सोनू, सुमन ने अपनी-अपनी सीख को मंच से जैन श्रावकों-श्राविकाओं को गुरुशिक्षा दी। समाज के श्राावक-श्रााविकाओं ने जैन मुनि श्रृतानंद विजय म.सा. तथा जैन मुनि पुष्पेंद्र म.सा. से आत्म साधना का गुरु ज्ञान लिया।

मुनि पुष्पेंद्र ने श्रीमद् विजय रत्नसेन सूरीजी द्वारा प्रवचन देते हुए लिखित पुस्तक प्रातः स्मरण में से अति स्वार्थवश किसी की प्रशंसा में अतिरेक करना गलत आदत होती जो भविष्य में व्यक्ति, परिवार और समाज के लिए अहित करता है। इसलिए हमें किसी को भी अतिरिक्त प्रशंसा का दुर्गुण नहीं अपनाना चाहिए और ना किसी ऐसे आदमी को बढ़ावा देना चाहिए जो झूठी प्रशंसा करता हो।

प्रवचन उपरांत अंजु कोचर, जयश्री कोचर, मानक, शारदा ने मुनि श्रृतानंद विजय म.सा. के आह्वान पर गुरु विजयवल्लभ सूरीश्वर के सामने जन मन गण गीत गाकर गुरुवंदन किया गया तथा श्राविका अंजू कोचर ने भारत माता की भूमिका निभाते हुए देश भक्ति की रचना सुनाई और धर्मानुआयियों को स्वाधीनता दिवस के उपलक्ष पर राष्ट्रभक्ति से जुड़े प्रसंग सुनाए।

ट्रस्टी सुरेंद्र बद्धानी ने बताया कि चातुर्मास के अवसर पर नियमित प्रवचन के बाद भक्ति मनोरंजन का आयोजन हुआ जिसमें भक्ति क्रिकेट के विजेताओं को सम्मानित किया गया। प्रवचन के दौरान शांति लाल, कोचर, अजय बैद, विजय डागा, काबुकी बेद, प्रकाश चंद कोचर, रौनक बैद सहित बड़ी संख्या मे श्रावक श्राविकाओं ने गुरुभक्ति के साथ नियमित पाठ किया। प्रवचन उपरांत श्रावक श्राविकाओं द्वारा 48 मिनट की सामूहिक समाशाई की गई।

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