Wednesday, May 8, 2024
Hometrendingसरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरे कर्मचारी, अनिश्चितकालीन आंदोलन किया शुरू

सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरे कर्मचारी, अनिश्चितकालीन आंदोलन किया शुरू

Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad

जयपुर Abhayindia.com राजस्‍थान में इसी साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक पार्टियों के अलावा कर्मचारी संगठन भी गहलोत सरकार के खिलाफ मुखर होने लगे है। इसी क्रम में मंत्रालयिक कर्मचारी भी सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतर आए हैं। मंत्रालयिक कर्मचारियों ने गहलोत सरकार के खिलाफ आज से अनिश्चितकालीन आंदोलन शुरू कर रहे हैं। विभिन्न संगठनों के साझा मंच मंत्रालयिक एकता मंचके बैनर तले धरने प्रदर्शन किए जाएंगे। मंत्रालयिक कर्मचारियों के अनिश्चितकालीन आंदोलन को कई कर्मचारी संगठनों ने भी अपना समर्थन दिया है।

मंत्रालयिक कर्मचारियों के धरने में कर्मचारी नेता गजेंद्र सिंह राठौड़ सहित कई कर्मचारी नेता भी पहुंचकर मंत्रालयिक कर्मचारियों को अपने समर्थन देंगे। मंत्रालय कर्मचारियों का कहना है कि सरकार से कई बार वार्ता हो चुकी है लेकिन उनकी मांगों को अभी तक नहीं माना गया है।

बजट में भी मंत्रालयिक कर्मचारियों की मांगों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है और लगातार उनकी मांगों को अनसुना किया गया है, जिसके विरोध में अब मंत्रालयिक कर्मचारियों के सब्र का बांध टूट गया है और अब मंत्रालयिक कर्मचारी सरकार से आरपार के मूड में हैं। मंत्रालयिक एकता मंच कोर कमेटी के सदस्य राकेश पारीक ने बताया कि मंत्रालयिक कर्मचारी आज से अनिश्चितकालीन आंदोलन शुरू कर रहे हैं, अगर इसके बावजूद भी सरकार ने हमारी मांगों को अनसुना किया तो फिर पूरे प्रदेश में कर्मचारी संगठन सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरेंगे।

कर्मचारियों की ये हैं मांगें

1. केडर रिव्यू कर सहायक प्रशासनिक अधिकारी को 4200, अतिरिक्त प्रशासनिक अधिकारी को 4800, प्रशासनिक अधिकारी को 6600, संस्थापन पदाधिकारी को 7600, एक नया पद सृजित कर अतिरिक्त निदेशक प्रशासन को 8700 ग्रेड पे दी जाए।

2. कनिष्ठ सहायक का शुरुआती वेतन 25,500 किया जाए।

3. 2022 मे किए गए कि कैडर रिव्यू में वरिष्ठ सहायक एवं कनिष्ठ सहायक के काटे गए पदों की पुनः बहाली की मांग

4. पंचायत राज संस्थाओं में भी अन्य विभागों के मंत्रायलिक कर्मचारियो की भांति पदोन्नति के पद सृजित कर उन्हें राज्य कर्मी घोषित करने की मांग प्रमुख हैं।

Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad
Ad
- Advertisment -

Most Popular